दीपावली का पूजन करें या फिर सामान्य दिनों में ही पूजन क्यों न की जाये, पूजन करने वाले का मुख हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिये। इसके अलावा यदि आपके घर में पूजन स्थान अथवा मंदिर है तो भी मुख पूर्व या उत्तर दिशा मंे ही होना आवश्यक है, अन्यथा पूजन का फल प्राप्त नहीं होता है। इसी तरह दीपावली के अवसर पर होने वाली माता लक्ष्मी की पूजन के लिये भी पूर्व उत्तर दिशा में ही की जाती है तो शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसलिये माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर पूर्व उत्तर दिशा में ही रखकर पूजन करना अति उत्तम होगा।
गणेशजी को भी करें विराजमान
माता लक्ष्मी की पूजन अकेले नहीं करना चाहिये। पूजन में माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर आदि के साथ भगवान गणेश को भी विराजमान करें और फिर इसके बाद परिवार समेत पूजन अर्चन किया जाये। बगैर गणेश की पूजन किये, किसी भी पूजन, आराधना का फल प्राप्त नहीं होता है। भगवान गणेश के अलावा यदि सरस्वती देवी और भगवान विष्णु की भी मूर्ति या तस्वीर रखी जा सकती है।
सबसे पहले गणेशजी का अभिषेक तथा पूजन करें और फिर लक्ष्मी के साथ ही विष्णु भगवान एवं सरस्वती का आह्वान करें। भगवान गणेश विघ्नहर्ता है, जबकि माता लक्ष्मी सुख समृद्धि प्रदान करती है तो वहीं माता सरस्वती की पूजन से यश कीर्ति की प्राप्ति होती है।