ई-सिगरेट से भी फेफड़ों को खतरा
ई-सिगरेट से भी फेफड़ों को खतरा
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सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए ई-सिगरेट का चलन आम है, लेकिन ई-सिगरेट में अलग-अलग फ्लेवर के लिए इस्तेमाल होने वाला पदार्थ भी आपके फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी पैदा कर सकता है। एक नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है कि फ्लेवर पैदा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले इन पदार्थो के कारण फेफड़ों के अहम कोशिकीय कार्यप्रणाली में बदलाव आने लगता है।

अध्ययनकर्ताओं ने जिन 13 फ्लेवर पर परीक्षण किया उनमें से पांच का फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पाया गया। शोध की मुख्य लेखिका अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना विश्वविद्यालय की टेंपरेंस रोवेल के अनुसार, "ई-सिगरेट से निकलने वाले धुएं में मौजूद विभिन्न रासायनिक यौगिकों के फेफड़े पर पड़ने वाले प्रभाव से लोग अमूमन अनजान होते हैं।" उन्होंने कहा, "मानव फेफड़ों के एपीथीलियल उत्तकों पर किए गए अध्ययन में हमने पाया कि 13 फ्लेवरों में से पांच फ्लेवरों के कारण बड़ी संख्या में उत्तकों की व्यावहारिकता और विषाक्तता पर बुरा प्रभाव पड़ता, हालांकि यह ई-सिगरेट लेने की मात्रा पर भी निर्भर करता है।"

अध्ययन के तहत कृत्रिम मानव फेफड़ों के एपीथीलियल उत्तकों को ई-सिगरेट के 13 फ्लेवरों के संपर्क में 30 मिनट तक या 24 घंटों तक रखा गया। रॉवेल का कहना है, "सुगंधित ई-सिगरेट के इस्तेमाल के बढ़ रहे प्रचलन को देखते हुए उनमें इस्तेमाल होने वाली चीजों के बारे में बेहतर जानकारी, उनसे स्वास्थ्य को होने वाले संभावित जोखिम और इस तरह जोखिम के कारणों के बारे में प्रसार की जरूरत है।" यह अध्ययन डेनवर में हुए अमेरिकन थोरासिक सोसायटी इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में प्रस्तुत की गई।

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