मेरठ: कुछ सदमय पहले ही मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का ट्विटर पर बीते शनिवार यानी 28 दिसंबर 2019 को देशभर में वायरल हो गया. वहीं ट्वीट वायरल होने के बाद दिग्गज नेताओं के बीच भी बहस छिड़ गई. वहीं, रविवार को मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का साथ मिला है. जंहा उन्होंने कहा है कि एसपी सिटी ने यह मुसलमानों के लिए नहीं कहा है उनका बयान गलत नहीं है. वहीं एसपी के वायरल वीडियो पर डिप्टी सीएमकेशव प्रसाद मौर्य ने एसपी सिटी के बचाव में उतर चुके है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि एसपी सिटी ने यह सब मुसलमानों के लिए नहीं कहा है. वह शायद उन लोगों के लिए कह रहे थे जो पथराव करते हुए पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे या ऐसी गतिविधियों में शामिल अन्य किसी भी व्यक्ति के लिए, एसपी सिटी का बयान गलत नहीं है. इससे पहले, रविवार की सुबह बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया जा रहा है. उन्होंने उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है, साथ ही मेरठ एसपी सिटी को बर्खास्त करने की भी मांग की है.
Dy CM Keshav Prasad Maurya on viral video of Meerut SP: He did not say it for all Muslims but probably to those who were raising pro Pakistan slogans while pelting stones. For anyone involved in such activities, SP city's statement is not wrong. pic.twitter.com/MufbVRPerS
ANI UP (@ANINewsUP) December 29, 2019
वहीं मायावती ने ट्वीट कर लिखा 'उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय है ना कि पाकिस्तानी यानि CAA/NRC के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ SP सिटी द्वारा उनके प्रति साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी करना अति निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है'. जंहा 'ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर फिर उनको तुरंत नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए. बीएसपी की यह मांग है'.
1. उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय है ना कि पाकिस्तानी अर्थात् CAA/NRC के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ SP सिटी द्वारा उनके प्रति साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी करना अति निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण. Mayawati (@Mayawati) December 29, 2019
हम आपको बता दें कि जिसके पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अगर यह वीडियो सच है तो यह निंदनीय है और इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं जब उनसे इस बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'किसी भी स्तर पर हिंसा, पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, यह अस्वीकार्य है. यह लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता. पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों.'
2. ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच होनी चाहिये और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर फिर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त करना चाहिये। बी.एस.पी. की यह माँग है। Mayawati (@Mayawati) December 29, 2019
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