मधेसी आंदोलन के चलते नेपाल के नए संविधान में संशोधन का फैसला
मधेसी आंदोलन के चलते नेपाल के नए संविधान में संशोधन का फैसला
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नेपाल : नेपाल के नए संविधान में बदलाव को लेकर तीन महीने से जारी हिंसक मधेसी आंदोलन के बाद देश के कई राजनीतिक दलों ने प्रदर्शनकारियों के 11 सूत्री मांगों पर कानून में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक लाने का सोमवार को फैसला लिया है. बता दे की हालिया नेपाल में लागु नए संविधान में मधेसी समुदाय को उचित दर्ज़ा नही मिलने के कारण हिंसा भड़क उठी थी जो की अभी भी जारी है.

जानकारी के मुताबिक भारत की सीमा से सटे दक्षिणी नेपाल के तराई क्षेत्र में मधेसियों के आंदोलन के बीच यह फैसला नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के आधिकारिक कार्यालय बालूवाटर में 3 प्रमुख पार्टियों -नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) तथा एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूसीपीएन)-माओवादी- की मीटिंग में लिया गया है. UCPN (माओवादी) के उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया की मधेसियों की मांग को समायोजित करने के लिए हमने संविधान में संशोधन करने के लिए विधेयक को संसद में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है. मधेसी समूहों से बात करने के बाद विधेयक को संसद में प्रस्तुत किया जाएगा.

आंदोलन के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए नेपाल-भारत सीमा के समीप तराई क्षेत्र में पूर्वी-पश्चिमी राजमार्ग को अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में 4 मधेसी अन्दोलान्करियो की मौत हो गई. पुलिस उपाधीक्षक भीम ढकाल ने बताया की एक पुलिस थाने में आगज़नी करने और पुलिस पर पथराव करने की वजह से पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा.'

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