अन्तर्राष्ट्रीय दबाव के चलते उत्तर कोरिया ने सम्मेलन की तारीख तय की
अन्तर्राष्ट्रीय दबाव के चलते उत्तर कोरिया ने सम्मेलन की तारीख तय की
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सोलः उत्तर कोरिया ने फिलहाल अपने सबसे बडे़ राजनीतिक महासम्मेलन की तारीख तय कर ली है। यह सम्मेलन उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु और मिसाइल महत्वकांक्षा को लेकर इंटरनैशनल दबाव का सामना करने को लेकर यह सम्मेलन का प्रस्ताव रखा है।

यह सम्मेलन का आयोजन बहुत समय बाद किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बुधवार के दिन किम के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ने मंगलवार को फैसला किया कि छह मई को प्योंगप्यांग में उसकी सातवीं पार्टी कांग्रेस शुरू होगी।

कांग्रेस का ये आयोजन 1980 के बाद से अब किया जा रहा है। जो कि पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। उस समय कांग्रेस ने किम के दिवंगत पिता किम जोंग इल को शीर्ष अहम जिम्मेदारियां सौंपी थी। और इस बात की पुष्टि की गई थी। कि वह अपने पिता एवं उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल संुग के बाद कार्यभार संभालेंगें। वर्ष 2011 में अपने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग उन उपने देश की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे है। और देश के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर अंतरर्राष्ट्रीय गतिरोधों से जूझ रहे हैं।

इसके बाद अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर पिछले 20 साल में सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए। दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने अपने जारी सैन्य अभ्यास की अवधि भी पहले से बढ़ा दी। यह गतिरोध उस समय और गहरा गया था। जब उत्तर कोरिया ने चैथा परमाणु परिक्षण किया और लंबी दूरी का एक राॅकेट प्रक्षेपित किया। किम ने इसके जवाब में पिछले महीने एक परमाणु आयुध और आयुध ले जाने में जाने में सक्षम एक बलिस्टिक मिसाइल के परीक्षणों का आदेश दिया।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क गुएन हाए ने पिछले हफ्ते कहा था। कि ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने नए परमाणु बम परिक्षण की अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इससे यह अटकल लगाई जाने लगी कि उत्तर कोरिया राजनीतिक महासम्मेलन से पहले पांचवां परमाणु परिक्षण कर सकता है। ताकि वह विदेशी आक्रामकता के खिलाफ लड़ रहे एक मजबूत नेता के तौर पर अपनी छवि को और मजबूत कर सकें।

फिलहाल यह जानकारी नही है कि सम्मेलन में किस विषय पर बाते कि जाएंगी। पहले केसीएनए की एक रिपोर्ट में कहा गया था। कि उत्तर कोरिया ने महासम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। क्योंकि देश के सामने एक संपन्न राष्ट्र के निर्माण का मुश्किल लेकिन पवित्र कार्य है। आपको बता दे कि यह सम्मेलन से पहला वाला सम्मेलन जो कि 1980 मे आयोजित हुआ था वह मात्र 5 दिन तक चला था।

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