मानसून सीजन को लेकर लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है, देखते देखते तीसरा महीना भी निकल गया है लेकिन बारिश का आंकड़ा अब भी वहीँ बना हुआ है. यहाँ तक कि देश के कई हिस्से तो ऐसे भी है जहाँ बारिश हुए काफी दिन भी बीत चुके है. बताया जा रहा है कि अभी तक बारिश में 12 फीसदी की औसत कमी बनी हुई थी जो अब 16 फीसदी के स्तर पर पहुँच गई है. इसके साथ ही इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना आपद सकता है और यह भी कहा जा रहा है कि यह फ़ूड इन्फ्लेशन के बढ़ने का भी कारण साबित हो सकता है.
कहा जा रहा है कि यह ना केवल किसानों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी एक चिंता का विषय है. क्योकि यदि मौसम का आलम ऐसा ही बना रहा तो इससे फसल की पैदावार भी कम होगी और इसके साथ ही एग्रीकल्चर ग्रोथ पर भी इसका खासा असर पड़ेगा. ना केवल इससे किसानों की आय प्रभावित होगी बल्कि उपभोग में भी गिरावट आना तय है.
सूत्रों से यह बात भी सामने आ रही है कि अभी भी देश का 44 प्रतिशत भाग ऐसा है जहाँ औसत से बहुत कम बारिश हुई है जबकि 50 प्रतिशत भाग ऐसा है जहाँ सामान्य बारिश हुई है. अब तक केवल 6 प्रतिशत भाग ही ऐसा है जहाँ औसत से ज्यादा बारिश देखी गई है. साथ ही यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि सीजन के अंत तक अच्छी बारिश को जाती है तो यह कोटा पूरा हो जायेगा अन्यथा यह ऐसा ही बना रह सकता है.