पत्नी का शराब पीना और देर रात घर पहुंचना घरेलू हिंसा नहीं - हाईकोर्ट
पत्नी का शराब पीना और देर रात घर पहुंचना घरेलू हिंसा नहीं - हाईकोर्ट
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मुंबई : मुंबई में एक पारिवारिक मामले को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय ने अहम निर्णय दिया है। जिसमें हाईकोर्ट ने शादीशुदा महिलाओं को आज़ादी देते हुए कहा है कि यदि पत्नी पार्टी करती है और वह घर पर रात में देरी से पहुंचती है तो यह घरेलू हिंसा की श्रेणी में नहीं आएगा। तो दूसरी ओर पत्नी भी शराब पीने की हकदार हो सकेगी। मुंबई उच्च न्यायालय के निर्णय पर अब सद्भावनापूर्वक समीक्षा का दौर चल पड़ा है।

हालांकि मेरिनर नौसेनिक राजेश चावला द्वारा कहा गया है कि उनकी पत्नी सीमा अधिकांशतः लेट नाईट पार्टियों में जाती हैं और घर पर आने के बाद उनके साथ उसका व्यवहार ठीक नहीं होता है। ऐसे में अक्सर दोनों के बीच विवाद होता है और अब दोनों एक दूसरे के साथ रहने में बहुत परेशानी का अनुभव कर रहे हैं। पति और पत्नी दोनों का ही जीवन नर्क बन गया है हालांकि दोनों को ही परस्पर मिलने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन राजेश ने कहा कि उन्हें पत्नी का शराब पीना और देरी से घर पहुंचना पसंद नहीं है।

हाल ही में परिवार न्यायालय में राजेश और उनकी पत्नी ने अपनी याचिका दायर की थी। कुटुंब न्यायालय में दायर किए गए इस वाद पर हाईकोर्ट ने अपना निर्णय देते हुए उनकी पत्नी को राहत दे दी और कहा कि अब सामाजिक संस्कार और परंपराऐं बदल रही हैं इस आधार पर तलाक की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में कुटुंब न्यायालय ने दोनों के बीच तलाक की अनुमति दे दी थी जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।

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