जयंती विशेष 'शंकरदयाल शर्मा' : देश का ऐसा राष्ट्रपति जो भरी संसद में रो पड़ा था...
जयंती विशेष 'शंकरदयाल शर्मा' : देश का ऐसा राष्ट्रपति जो भरी संसद में रो पड़ा था...
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भारतीय राजनीति में देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा का गहरा योगदान रहा है. भारतीय राजनीति में उन्होंने ऐतिहासिक योगदान दिया है. उन्होंने भारतीय राजनीति में गहरा सफर तय कर देश के सबसे उच्च पद राष्ट्रपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दी है. इतना ही नहीं इससे पहले उन्होंने देश के उपराष्ट्रपति, मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज भी संभाला था. साथ ही उनकी गिनती आज भी दिग्गज कांग्रेसी में की जाती है. 

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आज ही के दिन साल 1928 में पूर्व महामहिम का जन्म मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था. वे स्वतंत्र भारत के 9वें राष्ट्रपति थे. उन्होंने 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक देश के राष्ट्रपति का पद संभाला. भोपाल में जन्मे शंकर दयाल शर्मा 1972 से लेकर 1974 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज आगरा, आगरा कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, फित्ज़विल्यम कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लिंकोन इन तथा हारवर्ड लॉ स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की ओर से शंकर दयाल शर्मा को मानद डॉक्टर ऑफ़ ला की डिग्री प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया है. जिसके चलते उन्हें डॉ शंकरदयाल शर्मा के नाम से भी जाना जाता है. 

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डॉ. शंकरदयाल शर्मा 1960 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ें. उन्होंने इसके बाद देश की प्रथम महिला पीएम इंदिरा गांधी के साथ भी काफी काम किया. शर्मा के जीवन में एक ऐसा समय भी आया था, जब वे राज्य सभा में एक मौके पर रो पड़े थे. बताया जाता है कि राज्य सभा के सदस्यों ने एक राजनैतिक मुद्दे पर सदन को जाम कर दिया था, जिस पर शर्मा की आंखें नम हो गई थी. राष्ट्रपति का पद संभालने वाले डॉ. शंकर दयाल शर्मा का निधन दिल का दौरा पड़ने के बाद 9 अक्टूबर 1999 को दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था. डॉ शंकरदयाल शर्मा की 100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें न्यूज़ट्रैक परिवार की ओर से शत-शत नमन...

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