'महिलाओं को मत बताइए वे अपने शरीर के साथ क्या करें?', ट्रंप पर भड़की हैरिस

'महिलाओं को मत बताइए वे अपने शरीर के साथ क्या करें?', ट्रंप पर भड़की हैरिस
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले गर्भपात के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं मौजूदा उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट में तीखी बहस हुई। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भपात नीति का बचाव करते हुए 6 हफ्ते के गर्भपात प्रतिबंध का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स की गर्भपात संबंधी नीतियां पुरानी हैं।

डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस ने महिलाओं के गर्भपात के अधिकार की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा, "सरकार एवं डोनाल्ड ट्रंप को महिलाओं को यह नहीं बताना चाहिए कि उन्हें अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए।" हैरिस ने चेताया कि यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह देशभर में गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह झूठ बोल रही हैं तथा ऐसा कोई कानून लाने की उनकी कोई योजना नहीं है।

वही जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह गर्भपात पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को वीटो करेंगे, तो उन्होंने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि ऐसा कोई कानून कांग्रेस से पास ही नहीं होगा। तत्पश्चात, कमला हैरिस ने रो बनाम वेड के फैसले को बहाल करने की अपनी नीति स्पष्ट की। गौरतलब है कि 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक रो बनाम वेड के फैसले को पलट दिया था, जिसने 1973 से देशभर में गर्भपात को वैध बनाया था। कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप की नीतियों के कारण 20 से अधिक प्रदेशों में सख्त गर्भपात कानून लागू हैं, जिनके तहत अबॉर्शन पर प्रतिबंध है तथा इससे जुड़े स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों और नर्सों को अपराधी करार दिया जा सकता है। कुछ प्रदेशों में इसके लिए आजीवन कारावास का प्रावधान भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ट्रंप जीतते हैं, तो वह देशव्यापी गर्भपात प्रतिबंध लागू करने का प्रयास करेंगे। हैरिस ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता, विशेषकर शरीर से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता, सरकार को तय नहीं करनी चाहिए, और ट्रंप को तो बिल्कुल भी नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की नीतियों में रेप और इनसेंट जैसे गंभीर मामलों में भी गर्भपात के अपवाद की अनुमति नहीं है। इसका मतलब यह है कि ऐसी पीड़ित महिलाओं को भी यह तय करने का अधिकार नहीं रहेगा कि उनके साथ क्या होना चाहिए। कमला हैरिस ने ट्रंप की गर्भपात नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह अनैतिक है तथा किसी को भी अपने विश्वास या गहरी मान्यताओं को सरकार के अनुसार बदलने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रंप को महिलाओं के शरीर पर फैसले नहीं करने चाहिए। ट्रंप ने अपने बचाव में कहा कि डेमोक्रेट्स चरमपंथी हैं और वे नौवें महीने में गर्भपात को भी सही मानते हैं।

ट्रंप ने कहा, "डेमोक्रेट्स चरमपंथी हैं। उनके उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, जो मुझे लगता है कि बेहद खराब हैं, नौवें महीने में गर्भपात को सही ठहराते हैं। यह वह मुद्दा है जिसने हमारे देश को 52 साल से बांट रखा है।" उन्होंने यह भी दावा किया कि डेमोक्रेट जन्म के पश्चात् गर्भपात का समर्थन करते हैं। हालांकि, एबीसी नेटवर्क ने उनके इस दावे की जांच की तथा इसे झूठा बताया। एबीसी ने बताया कि जन्म के बाद बच्चे को मारना सभी 50 अमेरिकी राज्यों में अवैध है।

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