ओमीक्रॉन का खतरा तेजी से बढ़ने लगा है। ऐसे में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विशेषज्ञ ने बीते सोमवार को एक बयान देते हुए कहा कि, 'लोगों को जल्द से जल्द खुद को टीका लगवाना चाहिए और यह सोचकर नहीं बैठ जाना चाहिए कि कोविड-19 का ओमीक्रोन स्वरूप हल्का है।' इसी के साथ आगे उन्होंने कहा कि, 'यह वायरस उन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है जो बुजुर्ग हैं, जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।' आप सभी को बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के पूर्व प्रमुख डॉ। रमण गंगाखेडकर ने कहा कि, 'किसी को 'हर्ड इम्युनिटी' के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि उस प्रक्रिया में समय लगेगा और बहुत से लोग मर सकते हैं।'
आप सभी को बता दें कि 'हर्ड इम्युनिटी' संक्रामक बीमारियों के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से बचाव होता है। यह उस समय होती है जब आबादी या लोगों के समूह टीका लगने पर या फिर संक्रमण से उबरने के बाद उसके खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते है। वहीं इस दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि, ''प्राकृतिक प्रतिरक्षा (संक्रमण द्वारा) की प्रतीक्षा करने के बजाय, यदि हम टीके के माध्यम से प्रतिरक्षा के लिए जाते हैं, तो यह अच्छा होगा और नुकसान कम से कम होगा। संक्रमण होना कभी भी अच्छा नहीं होता है, भले ही वह हल्का हो। आज, यह (ओमीक्रोन) हल्का लग सकता है, लेकिन क्या किसी ने मानव शरीर पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में सोचा है।'' वहीं जब उनसे यह पूछा कि, 'क्या मौजूदा स्थिति महामारी के अंत की शुरुआत है?'
तो गंगाखेडकर ने कहा कि 'यह डर तब तक बना रहेगा जब तक कि टीकाकरण का दायरा उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ जाता। शोध के अनुसार, ओमीक्रोन स्वरूप में तेजी से फैलने की क्षमता है और यहां तक कि यह टीके से प्रेरित प्रतिरक्षा से भी बचता है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, ''ऐसी स्थितियों में, यदि अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण होता है, तो वायरस आगे बढ़ेगा। हम वायरस को जितना अधिक मौका देंगे, यह उतना ही फैलेगा।''
इस सिंगर को देखते ही भाग जाते है सभी लोग, चिल्लाते हैं-'ओमिक्रॉन।।।'
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