अजिंक्य देख नहीं सकता था। उसे जब भी कभी कोई काम करना होता तो वह स्टीक के सहारे आगे बढ़ता और फिर अंदाज़े से चीजों को पहचानता। मगर उसे लिखने-पढ़ने में कुछ परेशानियों का अनुभव होता। हालांकि कई बार उसने ब्रेल लिपि सीखने के लिए कदम आगे बढ़ाए लेकिन उसके परिवार के सदस्य किसी और तलाश में लगे थे। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और अजिंक्य का आॅपरेशन किया गया। दरअसल आॅपरेशन कर उसकी आंखों में एक अन्य व्यक्ति तुषार की आंखें लगाई गई थीं। जी हां, आखिर कौन था यह तुषार। यह तुषार अजिंक्य के परिवार के सदस्यों में से भी नहीं था। बल्कि यह कोई अनजान व्यक्ति ही था। जिसने अजिंक्य के जीवन में ज्योति जगाई थी साथ ही उसके परिजन को भी खुशियां दी थीं। जी हां, आप भी ऐसा ही कुछ कर सकते हैं। इसके लिए आपको जीवन रहते हुए ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है। बल्कि आपका जीवन समाप्त होने के बाद आप किसी और का जीवन रोशन कर सकते हैं।
आप तो इस संसार को आंखें मूंदकर अलविदा कह देते हैं लेकिन आपकी आंखें संसार को देखती हैं और संसार आपको धन्यवाद देता है। भारत में ही नहीं विश्व में अंधत्व एक बड़ा रोग है। जिसके कारण इनके जीवन में अंधेरा छा जाता है और ये न तो प्रकृति और ईश्वर द्वारा दिए गए तोहफे का आनंद ले पाते हैं और न ही मानव द्वारा इसके बदले हुए स्वरूप को देख पाते हैं। ये केवल अनुभव कर पाते हैं। न तो किसी वस्तु का प्रतिबिंब दिखलाई पड़ता है और न ही ये रंग के प्राकृतिक अनुभव को जानपाते हैं। ऐसे में यदि इनके जीवन में रोशनी ला दी जाए तो यह गंगा नहाने से कम बड़ा पुण्यकर्म नहीं होता है।
दरअसल काॅनिर्या एक ऐसा तत्व होता है जो कि आंख की खिड़की होता है। यह पारदर्शी होता है। इसका प्रमुख कारण आंख में आने वाली रोशनी की किरणों को पर्दे पर फोकस करना होता है। इसे आंख से निकाल दिया जाए तो यह किसी कांच के बटन जैसा दिखाई देता है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है। कार्निया की खराबी से आने वाली दृष्टिहीनता को केवल कार्निया दान द्वारा ही सही किया जा सकता है।
ऐसे में किसी भी व्यक्ति का नेत्र दान करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। एक जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि करीब 30 लाख लोग काॅर्निया खराब होने के चलते देख नहीं पाते हैं। प्रतिवर्ष देश में महज 12 हजार काॅर्निया दान में मिल सकता है। मगर इसकी डिमांड करने वाले इससे अधिक होते हैं। ऐसे में काॅर्निया दान करने वालों की अधिक आवश्यकता है। यह काॅर्निया व्यक्ति के मरने के बाद ही दान किया जाता है।
आनुवांशिक कारणों से और कोढ़ के कारण भी काॅर्निया खराब हो जाता है। ऐसे में इसे बदलने की आवश्यकता होती है। यदि आप किसी के जीवन में रोशनी लाना चाहते हैं तो शहर की किसी भी आई बैंक से संपर्क कर सकते हैं या फिर द आई बैंक एसोसिएशन आॅफ इंडिया से संपर्क कर सकते हैं। या फिर 2528301 जैसे नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।