ईमेल स्कैंडल में हिलेरी का नाम न लेने पर भड़के ट्रंप
ईमेल स्कैंडल में हिलेरी का नाम न लेने पर भड़के ट्रंप
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वॉशिंगटन : अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी में खड़ी हिलेरी क्लिंटन को ईमेल गेट स्कैंडल में आरोपी न बनाए जाने को लेकर उनके प्रतिद्धंद्धी डोनाल्ड ट्रंप ने आपत्ति जताई है। एफबीआई के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने व्यवस्था में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। आगे उन्होने अमेरिकी जनता पर भरोसा दिखाते हुए कहा कि 8 नवंबर को होने वाले मतदान में अमेरिकी जनता अपना फैसला सुनाएगी, जो कि अंतिम निर्णय होगा।

एफबीआई की घोषणा के घंटे भर बाद ही ट्रंप ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि दोस्तों इस व्यवस्था में गड़बड़ियां हैं। सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में जो सजा होती है उसमें व्यक्ति से गोपनीय सूचना पाने का हक छीन लिया जाता है और ऐसी स्थिति में हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हो जातीं।

आगे 69 वर्षीय बिजनेसमैन ने कहा कि एफबीआई के निदेशक जेम्स कॉमे ने विस्तृत मामला बनाया था। उन्होने उसमें बताया था कि कैसे हिलेरी ने गोपनीय जानकारी को असुरक्षित निजी ई मेल सर्वर पर लेकर अमेरिकी जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था। ट्रंप ने कहा कि निश्चित तौर पर हमारे दुश्मनों ने हिलेरी को परेशान किया होगा।

ट्रंप ने आगे कहा कि एफबीआई निदेशक ने यह पुष्टि की है कि उनकी ओर से भेजी गई लगभग 100 ईमेल भेजते वक्त भी गोपनीयता के दायरे में आती थीं। ट्रंप ने हिवेरी पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि उन्होने विदेश मंत्रालय का इस्तेमाल निजी स्वार्थ के लिए किया। पैसे के लिए लोगों को लाभ पहुंचाया और जानकारी छिपाई। इतना ही नहीं उन्होने पश्चिमी एशिया में लीबिया, सीरिया, इराक और मिस्त्र के संबंध में उन्होंने जो भी अनुचित फैसले लिए हैं, वे नहीं चाहती हैं कि लोग उनके बारे में विस्तार से जानें।

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