डॉक्टर्स लेते हैं हर साल 8 हजार लोगों की जान, जानिए कैसे ?
डॉक्टर्स लेते हैं हर साल 8 हजार लोगों की जान, जानिए कैसे ?
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डॉक्टर्स को दुनिया भर में भगवान का दूसरा रुप माना जाता हैं. कई बार डॉक्टर्स असंभव को संभव कर दिखाते हैं, तो कई बार उनकी बड़ी से बड़ी लापरवाही मरीज को मौत के घाट उतार देती है. डॉक्टर्स द्वारा मरीजों की जान लेने के पीछे का एक कारण उनकी हैंडराइटिंग भी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, दुनियाभर में प्रतिवर्ष 7 से 8 हजार लोग केवल डॉक्टर्स की ना समझने योग्य हैंडराइटिंग के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठते है. 

एक सर्वे में जब डॉक्टर्स से उनकी खराब हैंडराइटिंग को लेकर बात की गई तो अधिकतर डॉक्टर्स ने बताया कि वे इस तरह की ना समझने योग्य हैंडराइटिंग का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें डॉक्टर्स बनने के लिए कई परीक्षाओं से होकर गुजरना होता है. और हर परीक्षा में उन्हें जल्दी-जल्दी लिखना होता हैं, इसी कारण उनकी हैंडराइटिंग ख़राब और न समझने योग्य होती है. डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग सामान्य इंसान को भी समझ नही आती हैं, वहीं डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग को दवाई विक्रेता बड़ी आसानी से समझ लेते हैं. 

डॉक्टर्स के इस तरह के कृत्य से प्रतिवर्ष हजारों लोगों की जिंदगी चले जाना एक चिंता का विषय है. हालांकि इसे लेकर मेडिकल काउंसिल  ऑफ़ इंडिया (MCI) ने डॉक्टर्स को सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. काउंसिल के निर्देशों के मुताबिक, अब डॉक्टर्स को prescriptions केपिटल लेटर्स में लिखना होगा. जिससे कि हर कोई उसे आसानी से समझ सकें. 

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