शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों को मरीजों की चिकित्सा पर्ची पर जेनेरिक दवाइयां लिखने के आदेश दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके डॉक्टर इस पर अमल नहीं कर रहे हैं. विभिन्न अस्पतालों से सरकार के पास लगभग ऐसे 400 डॉक्टरों की शिकायतें आई हैं, जिन्होंने पर्ची पर जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखी हैं, अब सरकार कार्यवाही करते हुए इन्हें नोटिस जारी कर रही है.
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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि डॉक्टरों को मरीजों की पर्ची पर जेनेरिक दवाइयां लिखना अनिवार्य किया गया है, केवल वही दवाइयां बाहर से लिखी जाएंगी, जो जन औषधि केंद्र में मौजूद नहीं होंगी. लेकिन इन निदेशों का पालन करना तो दूर, उल्टा शिकायतें आ रही हैं कि केंद्र में दवाइयां होने के बाद भी डॉक्टर दूसरी दवाइयां लिख रहे हैं, जो दूसरी जगह से मंगवानी पड़ रही हैं.
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उन्होंने कहा कि कई मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, करीब साढ़े तीन सौ तरह की दवाइयां इन जान औषधि केंद्रों में रखी गई हैं, जिनमे मुफ्त या बेहद कम दामों में दवाइयां मिल जाती हैं. उन्होंने बताया कि सरकार दोषियों पर कार्यवाही तो करेगी ही, साथ ही आवाम को तकलीफ न हो इसलिए जल्द ही और दवाइयों के टेंडर करने जा रही हैं.
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