लैवेंडर को खास उसकी खुशबू के लिए जाना जाता है. लैवेंडर एक बारहमासी आने वाला पौधा है. इस छोटे पौधे की लम्बी टहलियां होती हैं. इसमें छोटे-छोटे पर्पल कलर के फूल उगते हैं, उन्हें ही लैवेंडर कहा जाता है. लैवेंडर का प्रयोग चाय, कुकीज और मिठाइयो जैसी खाने की चीज़ो के साथ-साथ, घर सजाने में भी किया जाता है. इसकी खुशबु काफी मनमोहक होती है, जिससे इसकी खुशबू से ही आस-पास का वातावरण काफी अच्छ हो जाता है. इसलिए इसका ज्यादा उपयोग परफ्यूम बनाने में किया जाता है. इसी के साथ ही इसके तेल के भी बहुत से फायदे है.
तो जानिए इसके चमत्कारी गुण-
लैवेंडर को तरोताजा प्रयुक्त पाउच हर्बल पूरक के रूप में बडे पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. सूखे और पाउच में बंद, लैवेंडर फूल कीट की रोकथाम करते हैं और कपडों में खुशबू फैलाते हैं.
भूख में कमी, इनसोमनिया ( नींद न आने की समस्या ), सर्कुलेटरी डिसऑडर्र जैसी बीमारियों में लैवेंडर का इस्तेमाल फायदेमंद है.
सिर पर लैवेंडर तेल लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है. तकिए में लैवेंडर के फूलों और बीजों को डालने से अच्छी नींद और आराम मिलता है. माइग्रेन और नींद से जुडी समस्याओं में प्राचीन काल से इसका प्रयोग होता आ रहा है.
शक्तिशाली एंटीसेप्टिक गुणों के चलते लैवेंडर का तेल,सेल के विकास को बढ़ता है और घाव भरने में सहायता करता है. इसलिये इसे जख्म, जले हुए और सन बर्न को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
लैवेंडर तेल में मौजूद एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और सर्कुलेटरी उत्तेजग गुण होते है,यह त्वचा के मामूली जलने के उपचार के लिए लाभकारी होता है. व जलने के दर्द को कम करने के लिए जली हुई जगह पर 2-3 बूंद लैवेंडर तेल को लगायें.
स्कॉर और इंफेक्शन,बैक्टीरिया और कीटाणुओं का सीधा परिणाम हैं, लैवेंडर का उपयोग करने से इसे रोकने में मदद मिलती हैं और आप तेजी से अच्छे होते हैं.
अपनी हथेलियों के बीच लैवेंडर के तेल की एक बूंद को रगड़ें और हल्के बुखार के लक्षण को हटाने के लिये इसे गहरी सांस से सूंघे.
सूखी या पपड़ीदार त्वचा पर लैवेंडर का तेल रगड़ने से त्वचा में बहुत बदलाव होता है.