मानव शरीर विटामिन सी का निर्माण नहीं करता है और इसलिए यह हमारे भोजन का आवश्यक तत्व है। यह हमारी सेहत और विभिन्न् टिशूज को रिपेयर करने के लिए आवश्यक हैं। इसमें स्किन, हड्डियां, दांत और कार्टिलेज शामिल हैं। भोजन में लगातार विटामिन सी की कमी स्कर्वी नामक बीमारी की वजह बन सकती है।
किसको कितना चाहिए विटामिन सी
• 1-10 साल के बच्चों को प्रतिदिन 30 मिलीग्राम
• 11-14 साल बच्चों को प्रतिदिन 35 मिलीग्राम
• 15 से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों को प्रतिदिन 40 मिलीग्राम
100 ग्राम मात्रा वाले इन खाद्य पदार्थों में कितना होता है विटामिन सी
• पीली शिमला मिर्च में 183.5 मिलीग्राम
• अमरूद में 228 मिलीग्राम
• हरी पत्तेदार सब्जियों में 120 मिलीग्राम
• कीवी में 92.7 मिलीग्राम
• ब्रॉकली में 89.2मिलीग्राम
• स्ट्रॉबेरी में 58.8 मिलीग्राम
• सिट्रस फ्रूट्स में 53.2 मिलीग्राम
• पके हुए टमाटर में 22.8 मिलीग्राम
• मटर में 60 मिलीग्राम
• पपीते में 60.9 मिलीग्राम
विटामिन सी स्कर्वी के लक्षण
• जख्म होना
• आसानी से ब्लीडिंग होना
• जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
ये भी हो सकते हैं लक्षण
• सूखी त्वचा
• बालों का दोमुंहा होना
• मसूड़ों में सूजन, बदरंग होना
• मसूड़ों से खून का आना
• नाक से खून का बहना
• घाव का जल्दी न भरना
• इन्फेक्शन से लड़ने में परेशानी
• हड्डियों के आकार में बदलाव
• दांतों का गिरना
• वजन का कम होना
लंबे समय तक विटामिन सी की कमी से ये हो सकती हैं परेशानियां
• हाई ब्लड प्रेशर
• गॉलब्लेडर डिसीज
• स्ट्रोक
• कुछ खास प्रकार के कैंसर
• एथ्रोस्केलरोसिस
• इन लोगों में अधिक पाई जाती है विटामिन सी की कमी
• दवाओं पर निर्भर रहने वाले लोग, जिनका भोजन संतुलित नहीं रहता
• जो लोग वजन कम करने वाली डाइट ले रहे हों
• कम आय वाले लोग जिन्हें विटामिन सी युक्त भोजन नहीं मिल पाता
• कुछ खास बीमारियों की वजह से जिसमें व्यक्ति सही तरीके से खाना पचा न पा रहा हो या ग्रहण न कर पा रहा हो
• बुजुर्ग जो विविधता वाले खाद्य पदार्थ न ले रहे हों
• धूम्रपान करने वाले, जिससे उनके भोजन द्वारा विटामिन सी के अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित होती है
• गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाएं, इन्हें अधिक मात्रा में विटामिन सी की जरूरत होती है।
विटामिन सी इनमें होता है फायदेमंद
• सेहतमंद स्किन और कोलेजन के निर्माण में मददगार होता है
• मिनरल के अवशोषण में मदद करता है
• गाउट की आशंका को कम करता है
• फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाली क्षति से बचाव करता है
• कोल्ड और फ्लू जैसी परेशानियों से लड़ता है
• प्रभावित इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है
• कैंसर के इलाज में सहायक की तरह कार्य करता है