हिंदू धर्म में पितृ पक्ष या श्राद्ध का समय विशेष महत्व रखता है। यह 15 दिनों की अवधि होती है, जिसमें श्रद्धालु अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होती है और इसका समापन 2 अक्टूबर को होता है। इस दौरान श्राद्ध, पिंडदान और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है ताकि पितर की आत्मा को शांति मिल सके।
पितृ पक्ष में तुलसी का उपाय
तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है, और इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि पितृ पक्ष के दौरान तुलसी से जुड़ा उपाय करना अत्यंत शुभ होता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
उपाय की विधि
स्थान का चयन: सबसे पहले, अपने घर में तुलसी के गमले के पास एक कटोरी रखें।
गंगाजल का उपयोग: एक छोटी कटोरी में गंगाजल लें। हथेली में गंगाजल लेकर अपने पितरों के नाम का स्मरण करें। इसे 5 या 7 बार दोहराएं।
बाबा विश्वनाथ का नाम: फिर, बाबा विश्वनाथ का नाम लेते हुए धीरे-धीरे गंगाजल को कटोरी में डालें।
प्रार्थना: हाथ जोड़कर माता तुलसी और पितरों को याद करें। इस दौरान मन में शुद्ध विचार रखें।
गंगाजल का अर्पण: अंत में, वह गंगाजल तुलसी के पौधे में डाल दें।
उपाय के लाभ
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, जिससे वातावरण में शांति और सकारात्मकता आती है।
पितरों की प्रसन्नता: पितरों को इस विधि के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है, और वे परिवार के सदस्यों पर आशीर्वाद बरसाते हैं।
स्वास्थ्य लाभ: तुलसी के पौधे का नियमित देखभाल करने से घर में स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार होता है।
पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के उपाय को अपनाना न केवल पितरों के प्रति श्रद्धा दर्शाता है, बल्कि यह परिवार में सकारात्मकता और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, इस पवित्र अवसर पर इस सरल और प्रभावी उपाय को अवश्य करें।
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