रमा एकादशी के व्रत से प्रसन्न होती हैं माता लक्ष्मी, जानिए इस व्रत की पूजा विधि
रमा एकादशी के व्रत से प्रसन्न होती हैं माता लक्ष्मी, जानिए इस व्रत की पूजा विधि
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नई दिल्ली: एकादशी का व्रत का सभी व्रतों में सर्वोत्तम माना गया है. पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रमा एकादशी को सभी एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. धन की इच्छा रखने वाले इस एकादशी का पूरे साल प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि इस एकादशी पर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

कार्तिक मास की इस एकादशी को लक्ष्मी जी के नाम पर रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रमा एकादशी पर माता लक्ष्मी के रमा स्वरूप के साथ भगवान विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरुप की पूजा की परंपरा है. रमा एकादशी चातुर्मास की अंतिम एकादशी है. इस समय चातुर्मास जारी हैं. चातुर्मास में भगवान विष्णु विश्राम करने के लिए पाताल लोक में चले जाते हैं और पृथ्वी की बागडोर भगवान शिव के हवाले कर जाते हैं. 25 नवंबर 2020 को चातुर्मास ख़त्म होंगे. मान्यता है कि एकादशी का व्रत हर मानोकामनाओं को पूरा करता है साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

एकादशी के व्रत के दौरान नियमों का पूरी कड़ाई से पालन करना चाहिए तभी इस व्रत का पुण्य मिलता है. नियम के मुताबिक, एकादशी व्रत का आरंभ दशमी की तिथि के समापन से ही शुरू हो जाता है. इसलिए दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए. रमा एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

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