घर के मंदिर में भूलकर भी ना करें ये गलतियाँ, वरना पड़ सकता है भारी
घर के मंदिर में भूलकर भी ना करें ये गलतियाँ, वरना पड़ सकता है भारी
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घर का मंदिर हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह एक स्थान होता है जहाँ हम अपने ईश्वर को भक्ति और पूजा के जरिए समर्पित करते हैं। हालांकि, कुछ लोग घर के मंदिर में कुछ गलतियाँ करते हैं जो उनकी पूजा और अध्यात्मिक अनुभव को प्रभावित कर सकती हैं। आज हम आपको घर के मंदिर में न करने वाली कुछ गलतियों के बारे में बताएंगे...

भूलकर भी ना करें ये गलतियां:-
* मंदिर का स्थान गलत चुनना
* मंदिर का आकार बहुत छोटा रखना
* मंदिर को अन्य सामग्री के साथ भर देना
* मंदिर की सफाई न करना
* मंदिर में कचरा फैलाना
* मंदिर में चीजें छिपाना
* मंदिर में विभिन्न धर्मों की मूर्तियों का एक साथ स्थापित करना
* मंदिर में आवाज उठाना
* मंदिर में प्रवेश करते समय चप्पल पहने रखना
* मंदिर में बालकों को शामिल न करना
* मंदिर में पान खाने की अनुमति देना
* मंदिर में जूते न पहने रखना
* मंदिर में खुले बाल रखना
* मंदिर में विविध तरह के पूजा सामग्री का उपयोग करना

अक्सर लोग मंदिर का स्थान गलत चुनते हैं। उनके लिए उनके घर के कमरे में मंदिर होना उपयुक्त होता है। लेकिन कभी-कभी लोग मंदिर को खुले जगह में रखना चाहते हैं। यह गलती उन लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है जो अपने मंदिर को आध्यात्मिक स्थान मानते हैं। एक और गलती जो लोग करते हैं वह यह है कि वे मंदिर का आकार बहुत छोटा रखते हैं। मंदिर का आकार वहाँ उपस्थित रहने वाले लोगों की संख्या के आधार पर चुना जाना चाहिए। अगर मंदिर बहुत छोटा होगा तो वहाँ की पूजा और अध्यात्मिक अनुभव को प्रभावित कर सकता है। बहुत सारे लोग मंदिर में अन्य सामग्री जैसे वस्तुएं, छोटे बच्चे और खाद्य पदार्थ भी रखते हैं। यह गलती है क्योंकि ऐसा करने से मंदिर की धार्मिकता और पवित्रता प्रभावित होती है। मंदिर को साफ-सुथरा रखना चाहिए और उसमें केवल पूजा सामग्री होनी चाहिए। अधिकतर लोग यह गलती करते हैं कि वे मंदिर में बैठकर खाने-पीने की चीजें खाते हैं। यह गलती है क्योंकि ऐसा करने से मंदिर में संकीर्णता और निष्क्रियता आती है जो उसमें आने वाले लोगों के ध्यान को भटकाने में सक्षम होती है। दूसरी गलती जो लोग करते हैं वह यह है कि वे मंदिर में अपनी जूते पहने रखते हैं। यह भी एक गलती है क्योंकि जूतों में भगवान की पूजा के दौरान विवेकशीलता का परित्याग होता है। मंदिर में खुले बाल रखना भी एक गलती है। यह गलती आध्यात्मिक अनुभव को प्रभावित कर सकती है और उसमें सामाजिक संकीर्णता लाने का खतरा बना रहता है। अन्य गलतियों में से एक यह है कि लोग मंदिर में विविध तरह की पूजा सामग्री का उपयोग करते हैं। ऐसा करने से मंदिर की धार्मिकता प्रभावित होती है और उसमें संकीर्णता का खतरा बना रहता है। अधिकतर लोग यह गलती करते हैं कि वे मंदिर में लालच देखाते हुए दान देने के बजाय मंदिर में सिक्के या नोट फेंक देते हैं। ऐसा करना भी गलत होता है क्योंकि यह धर्म की अनुशासन पर विरोध करता है और मंदिर की पवित्रता को भंग करता है। इन सभी गलतियों से बचने के लिए लोगों को मंदिर में जाते समय अपने सामान को अलग से रखना चाहिए। वे मंदिर में बैठकर नहीं खाने-पीने की चीजें खाने चाहिए और अपनी जूते मंदिर के बाहर रखना चाहिए। वे मंदिर को साफ-सुथरा रखने की कोशिश करें और उसमें केवल पूजा सामग्री होने चाहिए। उन्हें विवेकपूर्ण ढंग से दान देना चाहिए और कभी भी सिक्के या नोट नहीं फेंकना चाहिए।

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