चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस ने शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की है, उसके बाद द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में आगे बढ़ाया है, लेकिन स्टालिन के इस प्रस्ताव को किसी भी विपक्षी दलों का समर्थन नहीं मिल सका है. विपक्षी दलों द्वारा इस प्रस्ताव को समर्थन न मिलने के बाद स्टालिन ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि राहुल गाँधी तमाम विपक्षी दलों को संगठित करने और सेक्युलर विचारधारा के लोगों को साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
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द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि सेक्युलर ताकतों को संगठित करने के लिए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करना सही कदम है. उन्हो्ंने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत का श्रेय राहुल गांधी को जाता है. स्टालिन ने कहा कि 1980 में उनके पिता करुणानिधि ने इंदिरा गांधी का पक्ष लिया था, जिसके बाद इंदिरा सरकार की जीत हुई थी. इसके बाद 2004 में करुणानिधि ने जब सोनिया गांधी का नाम पीएम के लिए आगे बढ़ाया था तब भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.
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एम् के स्टालिन ने बताया कि विपक्षी दलों को राहुल गांधी की शक्ति को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अंधकार की तरफ जा रहा देश एक बार फिर से उजियारे की ओर आ सके. आपको बता दें कि स्टालिन सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे और विपक्षी दलों से संगठित होने का आग्रह किया था. उन्होंने बताया कि हम चाहते हैं कि लोकतांत्रिक शक्तियों का नेतृत्व करने वाला नेता मजबूत हो, इसी कारण मैंने राहुल गांधी का नाम सुझाया है, क्योंकि देश से सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेकने के लिए राहुल गाँधी को समर्थन देने की जरुरत है.
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