नई दिल्ली। दीपावली जहां पर आतिशबाजी और दीपों का पर्व है वहीं इस पर्व से कई तरह की मान्यताऐं जुड़ी हुई हैं। दीपावली की स्याह अमावस्या के दौरान मध्यप्रदेश के महिदपुर के एक ग्राम में लोग रात्रि जागरण करते हैं और अगली सुबह इन लोगों को मंदिर परिसर में लेटा दिया जाता है।
इन लोगों के उपर से गायें दौड़ाई जाती हैं। श्रद्धालु इसे माता की कृपा मानते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए सभी को धन्यवाद देते हैं। गायों के खुरों के दबाव से भी लोगों को चोट नहीं लगती है। जब गायें सकुशल निकल जाती हैं तो ये लोग माता को धन्यवाद देते हैं।
मंदिर में वर्षों से इस तरह की परंपरा चल रही है। हालांकि आधुनिक दौर में इस परंपरा को लेकर कुछ लोगों द्वारा तरह - तरह की बातें कही जाती हैं लेकिन यह परंपरा आज भी जारी है और ग्रामीण इसे बखुबी निभाते हैं। ग्रामीणों द्वारा माता के मंदिर में रात्रि जागरण कर पूजन भी किया जाता है।