जन्मदिन विशेष : आज भी बरक़रार है दिव्या की मौत का रहस्य
जन्मदिन विशेष : आज भी बरक़रार है दिव्या की मौत का रहस्य
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बेहद कम उम्र में रूपहले पर्दे पर स्टार अभिनेत्री के तौर पर उभरकर अपना नाम अमर करने वाली दिव्या भारती सिनेमा के निर्माता - निर्देशकों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आईं. दिव्या भारती की सुंदरता की चर्चाऐं तो हर ओर होती थीं लेकिन उनके अभिनय का उस दौर में कोई तोड़ नहीं था. कम समय के अपने कैरियर में उन्होंने हिंदी के साथ दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक अहम मुकाम कायम किया. 25 फरवरी 1974 को मुंबई में जन्मी दिव्या भारती का बचपन मुंबई में बीता. उनके पिता ओमप्रकाश भारती बीमा अधिकारी थे.

दिव्या के पिता के दो विवाह हुए थे. मगर उनके पारिवारिक संबंध सभी से अच्छे थे. उनकी मां का नाम मीता भारती था. उनकी शुरूआती पढ़ाई मानेकजी काॅपर हाईस्कूल में हुई. दिव्या ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत तमिल और तेलुगु फिल्मों से की. उनका व्यक्तित्व बेहद प्रभावी था. हिंदी सिनेमा में उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में सफलता पाई. फिल्म विश्वात्मा से हिंदी सिनेमा में पदार्पण करने वाली दिव्या भारती को इस फिल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत सराहा गया.

फिल्म का गीत सात समुंदर पार आज भी बेहद हिट है. उन्होंने फिल्म दीवाना, शोला और शबनम, बलवान, दिल ही तो है आदि फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया. केवल 19 वर्ष की आयु में उन्होंने 14 हिंदी फिल्मों में अभिनय कर स्टारडम को छू लिया था. दिव्या भारती की अंतिम पूरी की गई फिल्म रंग और सहअभिनेत्री के तौर पर की गई फिल्म सदानाह और शतरंज थी। दिव्या भारती की वर्ष 1993 में रहस्यमय और दुखद परिस्थितियों में मृत्यु हो गई. उनकी मौत का रहस्य आज भी बरक़रार है.

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