Feb 13 2016 04:56 PM
पणजी : मोर एक राष्ट्रीय पक्षी तो है ही, लेकिन अब इसे हिंसक पक्षी के रुप में सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव से विवाद पैदा हो गया है। इस प्रस्ताव के एक दिन बाद ही गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने मोर को उपद्रव मचाने वाले जीवों की सूची में शामिल करने से इंकार कर दिया है। इसके बाद इस मामले में सीएम ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसे शामिल किया गया है।
इसे कैसे सूची में शामिल किया जा सकता है, यह तो राष्ट्रीय पक्षी है। पारसेकर का कहना है कि कई ग्रामीण इलाकों से बड़े स्तर पर मोर द्वारा उत्पात मचाने की खबरें मिली है, लकिन मोर फसल कटने के बाद केवल अनाज खाने के लिए आता है। सीएम ने कहा लेकिन यह फसल को नष्ट नहीं करता है।
शिकायतों से निपटने के लिए हम कुछ उपाय अपना सकते है। सरकार ने हिंसक जीवों के रुप में शामिल किएए जाने वाले जीवों की सूची जांच के लिए मुख्य सचिव को सौंप दी है। राज्य के कृषि मंत्री ने कल यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि मोर एक उपद्रवी पक्षी है। इस निर्णय की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की थी।
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