वॉशिंगटन : कुछ समय पहले बंदर की सेल्फी पर कॉपीराइट का विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है. एक बार फिर से यह सेल्फ़ी बिना कॉपीराइट के दुनियाभर में तेजी से वायरल हो रही है. इसका मालिकाना हक उसे नहीं मिल पाया है. संस्था पीपुल फॉर द एथनिक ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने सैन फ्रांसिस्को में इस मामले में केस दायर किया है यह संस्था पशुओं के अधिकारों के लिए काम करती है. इसमें कहा गया है कि सेल्फी से मिली आय नारूतो को दिया जाए.
2011 में इंडोनेशिया यात्रा पर गए ब्रिटिश नेचर फोटोग्राफर डेविड द्वीप पर बंदर की फोटो खींच रहे थे, तभी ब्लैक प्रजाति के एक बंदर नारूतो ने ट्रायपॉड पर लगे कैमरे से हजारों फोटो खींच ली. इनमें कुछ अजीबो गरीब तस्वीरें थीं जो खासकर उसकी अपनी सेल्फी थी. इस सेल्फ़ी ने दुनिया भर में काफी धूम मचाई. इस सेल्फी के बाद में उन्होंने एक किताब वाइल्डलाइफ पर्सनॉलिटीज में प्रकाशित की. मकाक इंडोनेशियाई द्वीप सुलावेसी पर अन्य मकाक बंदरों के लिए संरक्षित एक कॉलोनी में रहता है. यह सेल्फ़ी धीरे धीरे सभी साइट्स पर वायरल हो गई.
अमेरिका कॉपीराइट कार्यालय ने भी इस मामले में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. पिछले साल उसने अपनी कॉपीराइट नीति में चेंग करते हुए कहा की सिर्फ इंसानों में ही किया गया काम कॉपीराइट की श्रेणी में आता है. जानवरों द्वारा यदि इस प्रकार का काम किया जाता है तो वह इस श्रेणी में नहीं आता है. हालांकि इस केस में पेटा के वकली जेफ्री केर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि कॉपीराइट ऑफिस की नीति से उनके मामले पर कोई असर पड़ेगा.