विनिवेश विभाग चाहता है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 6,000 करोड़ रुपये निवेश करे, जबकि EPFO केवल 1,000 करोड़ रुपये निवेश करना चाहता है. EPFO के 6 करोड़ से अधिक अंशधारक हैं और यह राज्य और केन्द्र सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश करता रहा है. विनिवेश विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमने EPFO से 6,000 करोड़ रुपये लगाने को कहा है पर वो कह रहें हैं कि यह बहुत अधिक है और यूनियन के प्रतिनिधि इस पर राजी नहीं हैं. वे केवल 1,000 करोड़ रुपये पर सहमत हैं.
एक उच्च अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पूर्व में वित्त मंत्रालय से प्रतिबद्धता जताई थी कि वह एक अगस्त से CPSE, ETF में निवेश करना शुरू कर देगा. ETF, ONGC, गेल, कोल इंडिया और IOC सहित 10 प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों का एक पूल है. अधिकारी ने बताया कि पेंशन कोष ने विनिवेश विभाग को अभी तक न तो ये बताया है कि वो कितनी राशि निवेश करेगा और कब निवेश करेगा. उन्होंने कहा था कि वे एक अगस्त से निवेश करेंगे, लेकिन उनके पास से अभी तक इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
EPFO के केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त के.के. जालान ने बताया कि EPFO ने बढ़ी हुई जमा राशि का 5 प्रतिशत हर महीने ETF में निवेश करने का निर्णय लिया है, लेकिन कितनी राशि निवेश की जाएगी, इसका निर्णय अभी नहीं हुआ है. गौरतलब है कि सरकार ने मार्च, 2014 में CPSE, ETF शुरू किया था जिसमें 10 सार्वजनिक उपक्रमों के शेयर हैं. इस कोष में छोटे निवेशकों को यूनिट्स खरीदने के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये निवेश करना होता है.