ये तैयारियां आपको मानसून में होने वाली बीमारियों से रखेंगे दूर
ये तैयारियां आपको मानसून में होने वाली बीमारियों से रखेंगे दूर
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बारिश अपने साथ मौसम में ठंडक और हरियाली लाती है। लेकिन साथ ही यह अपने साथ कई बीमारियों को भी लाता है। ऐसी बीमारियां, जिनसे हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से ज्यादातर बीमारियों के फैलने की वजह गंदगी और जगह-जगह जल भराव हैं। तो आइए जानते हैं इन बीमारियों और उनके लक्षणों के साथ बचने के उपायों के बारे में....

1. कोल्ड एंड फ्लू - बरसात में मिनटों में बदलते मौसम का सबसे जल्द शिकार हमारी बॉडी होती है। सर्दी-जुकाम की समस्या इस मौसम में बहुत ही आम होती है। इसके साथ ही वायरल फीवर भी। आपके आसपास कोई सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो आपको भी इसके होने की पूरी-पूरी संभावना होती है अगर आपका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है तो।

लक्षण - सिरदर्द, बदनदर्द, नाक बहना, आंखें लाल होना, छीकें आना, गले में खराश, बुखार, सांस लेने में दिक्कत।

उपचार - सर्दी-जुकाम से बचने और ठीक करने के लिए न्यट्रिशन से भरपूर चीज़ें खाएं। जो सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार होते हैं। इसके साथ ही पानी पीते रहें इससे बॉडी के सभी टॉक्सिन बाहर निकलते रहते हैं और आपकी बॉडी रहती है फिट और एक्टिव।

2. मलेरिया- मानसून में मलेरिया की समस्या बहुत ही आम होती है। जिसकी सबसे बड़ी वजह बारिश के पानी का इकट्ठा होना है। एनोफेलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है। ये मच्छर प्लासमोडियम नामक पैरासाइट ढोते हैं जो ब्लड में पहुंचकर रेड ब्लड सेल्स को नष्ट कर देते हैं।

लक्षण - बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना।

उपचार- पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनें। आसपास साफ-सफाई रखें। जलभराव न होने दें। मच्छरों को दूर रखने के लिए घर में और नालियों के पास स्प्रे करते रहें।

3. डेंगू - डेंगू, मानसून में होने वाली बहुत ही गंभीर बीमारी है। जिससे हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती है। इस बुखार को हड्डीतोड़ के नाम से भी जाना जाता है। एडीस इजिप्ती मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। जो सुबह और देर रात काटते हैं।

लक्षण- बुखार, सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आना।

उपचार - फिलहाल डेंगू से बचने के लिए कोई वैक्सीन अवेलेबल नहीं। लेकिन बारिश के मौसम में घर में कहीं भी पानी न जमा होने दें क्योंकि इसके मच्छर वहीं से पनपते हैं। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेना चाहिए। लक्षण नज़र आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

4. चिकनगुनिया - एडिस मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है चिकनगुनिया। जिसके लक्षण काफी हद तक डेंगू से मिलते-जुलते हुए होते हैं। एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका में ये बीमारी बहुत ही आम है। मनुष्यों में चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों एडीस एल्बोपिक्टस और एडीस इजिप्ती के काटने से फैलता है। जो ज्यादातर दिन के समय काटते हैं।

लक्षण- सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में बहुत तेज दर्द होना।

उपचार-इसका उपचार भी आसपास सफाई रखना है। जिससे मच्छर पैदा न हो।

5. टाइफाइड - बारिश में बाहर का खाना खाना और पानी पीना टाइफाइड को दावत देना है। सालमोनेला टाइफी नामक वायरस से ये बीमारी फैलती है। घर में भी बासी खाना खाने से बचें क्योंकि ये मौसम ही ऐसा होता है कि बैक्टीरिया को पनपते देरी नहीं लगती।

लक्षण - खाने का जी न करना, उल्टी होना, कमजोरी, सिरदर्द।

उपचार - ताजा खाना खाएं। खाने को गर्म करके खाएं। फ्रिज में बहुत दिनों तक रखा खाना न खाएं। पानी को उबालकर पिएं।

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