अघोषित आय का सिर्फ चौथाई हिस्सा ही मिलेगा
अघोषित आय का सिर्फ चौथाई हिस्सा ही मिलेगा
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नई दिल्ली - नोटबन्दी के जरिये सरकार ने अपनी आय बढ़ाने का इंतजाम तो किया ही साथ ही 30 सितंबर तक जिन लोगों ने अपनी आय घोषित नहीं की थी ,उन पर करारोपण के साथ ही बड़ा अर्थ दंड देकर नसीहत भी दी है, क्योंकि बंद किए जा चुके नोटों के रूप में 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा कराई जाने वाली अघोषित राशि पर न्यूनतम 50 फीसदी कर लगने की सम्भावना है.

बता दें कि सरकार की योजना को इस तरह समझ सकते हैं. मिसाल के तौर पर यदि आपने 500-1000 के पुराने नोट से अघोषित 1 लाख रुपए जमा कराकर आयकर अधिकारियों के सामने उसकी घोषणा की तो 50 हजार रु. टैक्स लगेगा. शेष 50 हजार में से 25 हजार रु. ब्याज रहित बॉण्ड में लगा दी जाएगी. इसे चार साल बाद ही निकाला जा सकेगा अर्थात शेष 25 हजार रुपए ही आपके हाथ में आएंगे जो कुल रकम का चौथा हिस्सा होगा.यही नही बेहिसाबी नकदी को स्वैच्छा से घोषित नहीं किया और 30 दिसंबर के बाद आयकर अधिकारियों ने पकड़ा तो कुल 90 फीसदी कर और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट बैठक में आयकर कानून में संशोधन मंजूर किया गया. सरकार इस संबंध में संसद के चालू सत्र में ही आयकर कानून में संशोधन पेश करेगी.सरकार का विचार है कि नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंक खातों में पुरानी करेंसी जमा कराने की दी गई मोहलत के दौरान जमा होने वाली सभी बेहिसाबी रकम पर टैक्स वसूला जाए. बता दें कि विभागीय जांच में अब बैंक खाते में आयकर की सीमा 2.50 लाख रुपए से कम राशि रखने वाले ग्राहकों के साथ ही जन धन खातों में बड़ी मात्रा में जमा की गई राशि को को भी शामिल किया जाएगा.

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