नई दिल्ली : अब केंद्र सरकार ने नौकरशाहों पर लगाम कसनी प्रारंभ कर दी है। इस दौरान यह बात सामने आ रही है कि यदि किसी ने भी किसी भी मामले में प्रधानमंत्री से सीधी शिकायत की तो उनके विरूद्ध एक्शन लिया जाएगा। यही नहीं सेना और अर्द्धसेनिक बलों से संबंधित अधिकारियों को इस बारे में चेताया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अब अपने बाॅस को निग्लेक्ट करते हुए उच्चाधिकारियों को लिखना एक तरह से गलत व्यवहार माना जाएगा। अधिकारी ईमेल अथवा जनशिकायत पोर्टल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
उच्चाधिकारियों से सीधे संपर्क करने के बाद ही वे कोई निर्णय ले सकेंगे। सरकारी आदेश के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया उन्हें अपनानी होगी। इस दौरान कहा गया है कि यदि आदेशों का पालन नहीं किया जाएगा तो इसे नियमों के विरूद्ध मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सही ठहराया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों के साथ विभागों में कंसल्टेंट के तौर पर कार्य करने वालों का विवरण एकत्रित कर लिया है। ऐसे लोग जो सरकारी पदों पर रहते हुए भी सरकारी काम नहीं करते उन पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है।