नई दिल्ली : नेपाल में नई सरकार के आने के बाद दोनो देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय वार्ता रविवार को हुई, जिसमे नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा एवं भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हिस्सा लिया। इस दौरान भारत ने नेपाल को सलाह दी है कि वो तराई क्षेत्र समेत देश की वर्तमान परिस्थिति से जिम्मेदारी पूर्वक निपटे। थापा ने भी नेपाल में चल रहे गतिरोध और वहाँ की वर्तमान राजनीतिक हालात के बारे में सुषमा से बात की और जल्द से जल्द इसका हल निकालने की उम्मीद जताई।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नेपाल ने भारत से होने वाली आपूर्ति विशेषकर पट्रोलियम पदार्थो की आपूर्ति पर चिंता जताई। जिस पर सुषमा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कमी या बंदी नेपाली पक्ष के असंतुष्ट तबके द्वारा पैदा किया गया अवरोध है। आप जिम्मेदारी से निपटे भारत इसका इंतजार कर रहा है। थापा ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि प्रदर्शन से जो क्षेत्र प्रभावित नहीं है, वहाँ आपूर्ति जारी रखी जाए। इन प्रदर्शनों का सबसे ज्यादा प्रभाव रक्सौल व बीरजंग क्षेत्र पर पड़ा है।
सुषमा ने थापा से यह भी कहा कि जब भी नेपाली पक्ष की ओर से अवरोध में कमी आई है, भारत ने सीमा पार आपूर्ति की है। बता दें कि पिछले दिनों नेपाल में पेट्रोल की भारी तंगी हो गई थी।