भगवान दुनिया में ऐसा मंजर क्यों है?
कही दर्द तो कही गम क्यों है?
कहते है की तू हर जगह है।
तो फिर जगह जगह तेरा पत्थर क्यों है ?
जमीन पर रहने वाले हम सब तेरे ही बन्दे है तो,
कोई किसी का दोस्त या दुश्मन बना क्यों है ?
सुना है की तू ही लिखता है सबका नसीब तो।
कोई अमीर और कोई भिखारी क्यों होता है।