सभी भगवानों के लिए होता है अलग-अलग मालाओं का प्रयोग, जानिए आप भी
सभी भगवानों के लिए होता है अलग-अलग मालाओं का प्रयोग, जानिए आप भी
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कहा जाता है ईश्वर की पूजा अर्चना किसी भी वक्त कर सकते हैं लेकिन कुछ विशेष मालाओं से देवी देवता को प्रसन्न करना बहुत ही सरल सकता हैं. कहा जाता है कुछ खास मालाओं से देवी देवता की अर्चना व पूजा करें तो वह बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं. इसी के साथ देवों की आराधना के वक्त इन विशेष मालाओं का ही चयन करना सही रहता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन मालाओं के बारे में. कहते हैं पूजा के दौरान देवी देवताओं को मनाने के लिए हाथी के दांत की माला गणेश जी और देवी साधना के लिए बहुत ही उत्तम मानी जाती हैं. इसी के साथ ऐसा भी कहते हैं कि तुलसी की माला से वैष्णव मत की साधना होती हैं.

आप सभी को यह भी बता दें कि किसी भी तरह की पूजा अर्चना में लाल चंदन की माला भगवान श्री गणेश जी व देवी साधन के लिए शुभ होती हैं. ऐसी मान्यता है कि मूंगे की माला से धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं और पुष्टि कर्म के लिए भी मूंगू की माला श्रेष्ठ मानी जाती हैं. इसी के साथ मोती की माला वशीकरण के लिए श्रेष्ठ होती हैं, पुत्र जीवा की माला का प्रयोग संतान प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता हैं वही कमल गट्टे की माला का प्रयोग अभिचार कर्म के लिए होता हैं. कहते हैं कि कुश मूल की माला का इस्तेमाल पाप नाश व दोष मुक्ति के लिए हो जाता है. और हल्दी की माला से बगलामुखी की साधना करना शुभ माना जाता हैं.

इसी के साथ कहते हैं कि स्फटिक की माला शांति कर्म और ज्ञान प्राप्ति के लिए काम आ सकती है. इससे मां सरस्वती व भैरवी की आराधना करना शुभ माना जाता हैं. वहीं अगर आप चांदी की माला का इस्तेमाल करते हैं तो यह राजसिक प्रयोजन और आपदा से मुक्ति में विशेष कर लाभकारी हो सकता है.

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