उन्नाव रेप केस में आज सुप्रीम कोर्ट में है अहम सुनवाई
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार पीड़ित द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर बीते बुधवार को संज्ञान लेते हुए अपने सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट मांगी है और उनका कहना है कि पत्र को 17 जुलाई से उनकी जानकारी में क्यों नहीं लाया गया. वहीं बलात्कार पीड़ित इस 19 वर्षीय लड़की ने सीजेआई को लिखे इस पत्र में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के कथित सहयोगियों से अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी और बीते रविवार को इस लड़की की कार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी जिसमें उसकी मौसी और चाची की मौत हुई थी जबकि वह गंभीर रूप से घायल हुई थी. इसी के साथ ट्रक-कार की टक्कर के बाद कथित बलात्कार के मामले में पहले से जेल में बंद सेंगर पर हत्या का भी आरोप लगा है.

वहीं प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा, ''दुर्भाग्यवश, यह पत्र अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन समाचार पत्रों में ऐसे खबर प्रकाशित हुयी है कि मानो मैंने इस पत्र को पढ़ लिया है." उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम चार बजे तक यह पत्र उनकी जानकारी में नहीं लाया गया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि समाचार पत्रों ने ऐसे पेश किया है कि मानो प्रधान न्यायाधीश ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. पीठ ने कहा कि इस मामले को एक अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया जाता है. पीठ ने कहा, ''हम इस अत्यधिक विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेंगे."

आप सभी को बता दें कि पीठ ने ये टिप्पणियां उस वक्त कीं जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार प्रकरण सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया और शीर्ष अदालत ने इस मामले को बृहस्पतिवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार को उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़ित से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि ''पीड़िता की स्थिति में बुधवार को थोड़ा सुधार हुआ लेकिन वह बेहोश ही रही और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है.''

बीते दिनों महिला के परिवार ने इस कार दुर्घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुये शिकायत दर्ज करवाई थी और बलात्कार पीड़ित और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखा गया यह पत्र 12 जुलाई का है और इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भेजा गया था. वहीं प्रधान न्यायाधीश को भेजे गये पत्र में दावा किया गया है कि ''7-8 जुलाई को भाजपा विधायक सेंगर से कथित रूप से संबंध रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने पीड़ित के परिवार को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी.''

उस पत्र पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं और पत्र के अनुसार सात जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंह के भाई) और कन्नू मिश्रा उनके घर आये थे और उन्हें धमकी दी थी. इसी के अगले दिन एक अन्य व्यक्ति भी उनके घर आया था और पीड़ित और उसके परिवार ने कहा कि ''पत्र के साथ उस कार का वीडियो भी संलग्न किया गया था जिसमें ये लोग उनके घर आये थे. पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जा चुका है.''

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