क्या आप जानते है चीन में इन 12 जानवरों के नाम के आधार पर देखा जाता है भविष्य
क्या आप जानते है चीन में इन 12 जानवरों के नाम के आधार पर देखा जाता है भविष्य
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दुनिया मानती है की चीन और भारत की संस्कृति काफी मिलती जुलती है लेकिन क्या आप जानते है की चीन में भविष्य या कुंडली बनाने के लिए 12 जानवरों के नाम का सहारा लिया जाता है यहाँ एक के बाद एक 12 वर्षों के नाम किसी न किसी जानवर के नाम पर रखे जाते हैं। 

यहाँ जन्मकुंडली बनाते समय यह ध्यान रखा जाता है कि बच्चा किस ‘पशु’ के वर्ष में पैदा हुआ,उसके जन्म के समय पंचतत्वों यानी जल, लकड़ी,आग,धरती और धातु की दशा क्या थी? मौसम कैसा था,महीना क्या था? इसके पीछे भगवान् बुद्ध से सम्बंधित कहानी बताई जाती है। 

कहा जाता है कि एक बार महात्मा बुद्ध ने नववर्ष के उपलक्ष्य में संसार के सारे जानवरों को दावत दी लेकिन उस भोज में केवल 12 ही जानवर आ सके। ये पशु थे चूहा, बैल, सिंह, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, भेड़, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सूअर। तब महात्मा बुद्ध ने इनमें से हर पशु को एक-एक वर्ष से सम्मानित करने की घोषणा की। इस व्यवस्था में वातावरण की नर और मादा शक्तियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

 

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