भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी पिछले कई दिनों से आलोचकों की नजर में चढ़े हुए है. दरअसल टी-20 क्रिकेट में धोनी के खेलने पर सवाल किये जा रहे है. न्यूजीलैंड सीरीज के दौरान उनकी बैटिंग को लेकर कई पूर्व क्रिकेटर्स ने एमएस धोनी को निशाने पर लिया था. इस मामले में पहली बार कुछ बोलते हुए धोनी ने आलोचकों को करारा जवाव दिया है. दुबई में अपनी पहली इंटरनेशनल क्रिकेट अकादमी लॉन्चिंग के मौके पर 36 वर्षीय धोनी ने कहा कि, 'सबका देखने का अपना नजरिया है और सबको अपनी बात कहने का हक है.'
धोनी ने कहा, 'लाइफ में सबका अपना नजरिया होता है और उसका सम्मान होना चाहिए. टीम इंडिया का हिस्सा होना ही मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है. आपने ऐसे कई क्रिकेटर्स देखें होंगे, जिनमें गॉड गिफ्टेड टैलेंट नहीं था, लेकिन फिर भी वे काफी आगे गए. सिर्फ जुनून की वजह से ऐसा हुआ. कोच को उन्हें ढूंढना पड़ता है, हर किसी को देश के लिए खेलने का मौका नहीं मिलता.'
धोनी ने कहा कि 'हमेशा से मेरा मानना रहा है कि रिजल्ट से ज्यादा प्रोसेस इंपोर्टेंट होती है. मैं कभी रिजल्ट के बारे में नहीं सोचता, मैं हमेशा ये सोचता हूं कि उस वक्त के हिसाब से क्या करना ज्यादा सही होगा, फिर चाहे टीम को जीत के लिए 10 रन चाहिए, 14 रन चाहिए या फिर 5 रन चाहिए होते हैं.'
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