जहां पूजन मात्र से मिल जाती है पितृ दोष से मुक्ति
जहां पूजन मात्र से मिल जाती है पितृ दोष से मुक्ति
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भगवान शिव सृष्टि का आधार। भगवान शिव जिन्हें आदि देव कहा जाता है। यही नहीं भगवान शिव जो आदि देवों में कहे गए हैं। भगवान शिव को इस भू लोक में शिव लिंग स्वरूप में सबसे ज्यादा पूजा जाता है। यही नहीं समूचे देश में भगवान शिव के कई ऐसे मंदिर हैं जहां पूजन - अर्चन कर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाऐं पूरी करते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग पर जलअर्पित करने और उन्हें दूध से अभिषेक कर प्रसन्न किया जाता है।

देशभर में ऐसे कई मंदिर हैं। जहां भगवान का जलाभिषेकर करने दुग्धाभिषेक करने और पूजन करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।  भगवान शिव को सोमवार को विशेषतौर पर आराधना की जाती है। सोमवार शिवजी का विशेष दिवस है। इस दिन शिव जी की आराधना करने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। देशभर में शिवजी के कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में कुछ ऐसे मंदिर हैं। मंदिरों में उज्जैन के शक्तिपीठ श्री हरसिद्धि मंदिर के समीप मौजूद श्री कर्ककोटेश्वर महादेव बहुत ही लोकप्रिय हैं।

श्री कर्ककोटेश्वर महादेव का यह मंदिर वर्षों पुराना है और यहां पूजन करने से नागों के काटने का भय नहीं होता। यहां सर्पदंश की संभावना से मुक्ति मिल जाती है। मंदिर में भगवान शिव का अष्टकोणीय शिवलिंग भी प्रतिष्ठापित है। ये अष्टकोण  नागों के प्रतीक हैं। यही नहीं मंदिर में नागमाता की प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। इसके अलावा  मंदिर में ही नागयंत्र स्थापित है। जहां पूजन अर्चन कर श्रद्धालु नागबलि के दोष से भी मुक्त हो जाता है। यह मंदिर पितृदोष के निवारण के लिए भी जाना जाता है। कहा गया है कि यहां नागपंचमी पर पूजन का विशेष महत्व है। नागपंचमी पर शिवलिंग पर दूध ओर सफेद सामग्री अर्पित करने से श्रद्धालुओं को सभी दोषों से मुक्ति मिलती है।

 

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