श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. का ऐतिहासिक मंगल प्रवेश
श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. का ऐतिहासिक मंगल प्रवेश
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राजगढ़ (धार) : मौसम बदलता है जीवन बदलता है जीवन और संसार परिवर्तन शील है संसार में कोई भी वस्तु शाश्वत नहीं है जन्म मृत्यु मिलन वियोग यह सब सृष्टी का नियम है हमारी उम्र व जीवन यह भी शाश्वत नहीं है। श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की पावन भूमि पर 5-5 शासनप्रभावक आचार्यभगवन्तों की स्मृतियां शेष है पांच समाधियों वाला पंच तीर्थ इस भूमि की किर्ती को नियमित रुप से बड़ा रहा है। आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. का मुझे जीवन में पहली बार वासक्षेप के साथ आशीर्वाद मिला वह आशीर्वाद मेरे जीवन का अन्तिम आशीर्वाद बन गया उनके वह शब्द मेरी स्मृति पटल पर हमेशा अंकित रहेगें। हमारी इस तीर्थ भूमि पर कुदृष्टि की ऐसी बुरी नजर लगी की। हमारे आशीर्वाद और निश्रा दाता आचार्यश्री हमें छोड़कर दिव्यलोक की और प्रस्थान कर गये। हमारे आचार्यश्री निष्काम योगी थे उन्हें संसारी व किसी से भी लगाव नहीं था।

मेरा श्री संघों से आग्रह है की आचार्य श्री के आदेशानुसार मुझे 108 दिन मोन साधना के मोन व्रत को पूर्ण करने देवे। उक्त प्रेरणादायी उद्बोधन प.पू. ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. ने चातुर्मास के प्रवेश की धर्मसभा में दिये। श्रीसंघों द्वारा चातुर्मास के दौरान माह में दो बार श्रीसंघों को समय देकर चर्चा व आशीर्वाद हेतु समय मांगा गया। इस बात पर मुनिश्री ने श्रीसंघों की विनन्ती व आग्रह को मानते हुये माह में चार दिन संघ को देने की बात कही और प्रतिदिन दोपहर 11 से 12 व शाम 3:30 से 4:30 तक दो घण्टे गुरुभक्तों को आशीर्वाद देने हेतु राजी हुये। मुनिश्री का 21 जुलाई 2016 से मोन व्रत प्रारम्भ होगा साथ ही 21 अगस्त को प्रथम मांगलिक प्रदान करेगें। द्वितीय मांगलिक 18 सितम्बर रविवार को प्रदान की जावेगी। मांगलिक के दौरान प्रवचन नहीं होगे इस दिन सिर्फ तीर्थ विकास, समाज, श्रीसंघों की चर्चा आदि हो सकेगी बाकी समय में मुनिश्री का मोन जारी रहेगा।

शनिवार को इन्दौर अहमदाबाद हाईवे मार्ग स्थित जय तलेहटी से श्री दिलीपकुमार मनोहलालजी भण्डारी परिवार की और से आयोजित नवकारसी के आयोजन के पश्चात् विशाल चल समारोह के साथ भव्य रुप से दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के सप्तम पटधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती प.पू. ज्योतिष मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री प्रीतियशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा., साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा का ऐतिहासिक मंगलमय प्रवेश श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के प्रांगण में हुआ। मुनिभगवन्तों एवं साध्वीवृंदों की तीर्थ पर आगवानी श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारी ट्रस्टी एवं समस्त ट्रस्टीगणों द्वारा किया गया। मुनिभगवन्तों का सामैया श्रीमती अंजना दुधराजजी लुक्कड़, श्रीमती श्रीकांता सुजानमलजी सेठ एवं श्रीमती मंजु मांगीलालजी पावेचा द्वारा किया।

मुनिभगवन्तों के मंगल प्रवेश में मुख्य अतिथि के रुप में मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री सुहास जी भगत, राज्यसभा सासंद मेघराजजी जैन, क्षेत्रीय सांसद सावित्री ठाकुर, क्षेत्रीय विधायक वेलसिंग भूरिया, पूर्वविधायक श्री प्रताप ग्रेवाल आदि थे। मुख्य अतिथि श्री सुहास जी भगत का ट्रस्ट मण्डल की ओर से सभी ट्रस्टीगणों ने बहुमान किया। स्वागत गीत की प्रस्तुति सौरभ कांकरिया द्वारा दी गई। स्वागत भाषण ट्रस्ट के महामंत्री श्री फतेहलालजी कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सुजानमलजी सेठ व मेघराजजी जैन द्वारा दिया गया। मंच का संचालन महेन्द्र जैन द्वारा किया गया। संगीतमय प्रस्तुति देवेश जैन द्वारा दी गयी साथ ही दीक्षार्थी आशीष धुपिया, श्रेणीक व्होरा, रवी जैन ने संगीत के माध्यम से गुरुभक्ती के भाव प्रस्तुत किये तीनों दीक्षार्थीयों का बहुमान ट्रस्ट मण्डल द्वारा किया गया। धर्मसभा के पश्चात् गौतम प्रसादी का लाभ श्री मनीषकुमार प्रकाशचंदजी जैन चाईस एवं श्री भूपेन्द्रकुमार घेवरचंदजी कांकरिया परिवार की और से लिया गया। कार्यक्रम की पूर्णाहुति पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी के तत्वावधान में सामुहिक रुप से गुरुभक्तों द्वारा संघ पूजा की गई।

इस अवसर पर आहोर, जालोर, भीनमाल, तनकु, मुम्बई, थराद, दाहोद, अहमदाबाद, राजगढ़, धार, इन्दौर, उज्जैन, बड़नगर, बदनावर, खारवाकला, कुक्षी, बाग, टाण्डा,खरसौदकला, खाचरौद, जावरा, रतलाम, मक्सी, मन्दसौर, नीमच, प्रतापगढ़, निम्बाहेडा, झाबुआ, राणापुर, थांदला, मेघनगर सहित 50 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम विशेष रुप से ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री पृथ्वीराज सेठ, महामंत्री श्री फतेहलाल कोठारी, कोषाध्यक्ष श्री हुक्मीचंद वागरेचा, मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सुजानमल सेठ, ट्रस्टी-शांतिलाल सांकरिया, बाबुलाल खिमेसरा, मेघराज जैन, मांगीलाल पावेचा एवं बाबुलाल वर्धन, मांगीलाल रामाणी, संजय सराफ व दुधराज लुक्कड़, पारसजी वजावत, कांतिलालजी वजावत, भोपावर तीर्थ के सचिव सुरेन्द्र जैन, शैलेष जी अम्बोर, पी.सी. जैन, संतोष नाकोड़ा, परेश सिघी, शेलेष शाह, राजगढ़ श्रीसंघ अध्यक्ष मणीलालजी खजांची, शोकिन जैन, महेशजी डुगरवाल, माणकजी नादेचा, अनोखीलाल भण्डारी, संजय नाहर, मनोज सुराणा, स्वामी सुराणा, प्रकाश जैन, अनिल बाफना, झाबुआ से अभय धारीवाल, मनोहर मोदी, सुभाष कोठारी, संतोष नाकोड़ा, राजगढ़ श्रीसंघ की और से मनीष चाईस, घेवरमलजी कांकरिया, नरेन्द्र भण्डारी, दिलीप भण्डारी, भोजराज कमेडिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन एवं गुरुभक्त चातुर्मास प्रवेश के कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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