हर साल दिवाली का पर्व मनाया जाता है जो हिन्दू धर्म में बहुत ख़ास माना जाता है. ऐसे में धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन होता है और धनतेरस के दिन वही हैं जो अखंड लक्ष्मी का वरदान देते हैं. कहा जाता है स्थायी समृद्धि का आशीष देने वाले ऐसे देव को खुश रखना चाहिए. कहा जाता है उनके पास अपनी आराधना को पहुँचाने के लिए पौराणिक-स्तवन-मंत्र-स्तोत्र को पढ़ना चाहिए. कहते हैं धनतेरस के दिन इसे पढ़ने से धन, आरोग्य, सुदंरता और समृद्धि का आशीर्वाद निश्चित रूप से मिलता है.
शंखं चक्रं जलौकादधतम्-
अमृतघटम् चारूदौर्भिश्चतुर्भि:.
सूक्ष्म स्वच्छ अति-हृद्यम् शुक-
परि विलसन मौलिसंभोजनेत्रम्..
कालांभोदोज्वलांगं कटितटविल-
स: चारूपीतांबराढ़यम्.
वंदे धन्वंतरीम् तम् निखिल
गदम् इवपौढदावाग्रिलीलम्..
यो विश्वं विदधाति पाति-
सततं संहारयत्यंजसा.
सृष्ट्वा दिव्यमहोषधींश्च-
विविधान् दूरीकरोत्यामयान्..
विंभ्राणों जलिना चकास्ति-
भुवने पीयूषपूर्ण घटम्.
तं धन्वंतरीरूपम् इशम्- अलम् वन्दामहे श्रेयसे..
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