Dec 24 2015 07:34 PM
माघ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव मनाया जाता है। दरअसल भगवान दत्त आदि शक्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश का मिश्रित अवतार है। भगवान दत्तात्रेय को श्रद्धालु अपना गुरू भी मानते हैं। दरअसल भगवान दत्तात्रेय माता अनुसुईया की परीक्षा लेने के लिए अवतरित हुए थे। बाद में माता के प्रभाव से ये बालक स्वरूप में आ गए।
माता के गर्भ से इनका प्रकटीकरण हुआ। भगवान दत्तात्रेय के जन्मोत्सव पर देशभर के दत्तमंदिरों में श्रद्धालु उमड़े हुए हैं। श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु मंदिरों में श्री गुरू चरित्र का पारायण करने में लगे हैं। मंदिरों में सुबह से ही दिगंबरा - दिगंबरा श्री पाद वल्लभ दिगंबरा की गूंज सुनाई दे रही है।
शाम 6 बजे भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान दत्तमंदिरों में विशेष प्रसाद का वितरण भी हुआ। गुरूवार होने से इस पर्व का महत्व और बढ़ गया। यही नहीं श्री सांई बाबा के मंदिरों में भी दत्त जयंती की रौनक देखने को मिल रही है। भगवान के मंदिरों में श्रद्धालु उत्साह से श्री दत्तजयंती का उल्लास मना रहे हैं।
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