उज्जैन: सिंहस्थ 2016 के समापन के बाद अब शहर से बाहरी श्रद्धालु भी संतों के साथ ही विदा हो रहे हैं. बाहरी श्रद्धालुओं के विदा होने के कारण अब शहर में श्रद्धालुओं की तादाद कम हो गई है. ऐसे में अन्य श्रद्धालु यहां के तीर्थ स्थलों और मंदिरों के दर्शन लाभ ले पा रहे हैं|
हालांकि सिंहस्थ के दौरान भी श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर पा रहे थे लेकिन तब मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित था. मगर अब श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम हो जाने के कारण मंदिरों में श्रद्धालु गर्भगृह तक प्रवेश पा रहे हैं. इतना ही नहीं भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्मारती की बुकिंग भी प्रारंभ हो चुकी है।
अति प्राचीन मंगलनाथ मंदिर में भात पूजन प्रारंभ हो गया है तो दूसरी ओर लोकप्रिय और नाथ संप्रदाय के साधुओं की साधना स्थली भतृहरि गुफा का भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. दरअसल इस गुफा में नाथ संप्रदाय के साधु निवास करते हैं. ये साधु अपनी साधनाओं में लीन रहते हैं. सिंहस्थ 2016 में देशभर से नाथ संप्रदाय के साधु पधारे और वे यहां पर ठहरे. यही नहीं गुफा में भीड़ बढ़ने के अंदेशे से भी श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रखा गया मगर अब श्रद्धालुओं की कम होती आवाजाही के चलते इस गुफा को आम दर्शनार्थियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।