'मैंने कहा था मैं फिर आऊंगा', बहुमत मिलते ही बोले देवेंद्र फडणवीस
'मैंने कहा था मैं फिर आऊंगा', बहुमत मिलते ही बोले देवेंद्र फडणवीस
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मुंबई: आज शिंदे-बीजेपी सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत (Maharashtra Assembly Floor Test) हासिल कर लिया। जी हाँ, शिंदे-फडणवीस सरकार के पक्ष में 164 मत पड़े। महाविकास आघाड़ी के पक्ष में 99 मत पड़े और इस तरह शिंदे बीजेपी ग्रुप ने बहुमत हासिल कर लिया। आप सभी को बता दें कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बहुमत हासिल करने के बाद कहा, ‘जिन सदस्यों ने बाहर रह कर विश्वास प्रस्ताव पास करने में बाहर से मदद की उनका मैं अप्रत्यक्ष रूप से आभार मानता हूं। (अशोक चव्हाण सदन तक नहीं पहुंच पाए, मतदान से चूके)। एकनाथ शिंदे कट्टर शिवसैनिक हैं। एकनाथ शिंदे के कामों पर हमारी पूरी निष्ठा है। उन पर बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों का प्रभाव है।जिनके कर्म महान होते हैं उनके लिए पद अहमियत नहीं रखता है। पद उनका अपने आप पीछा करता है।

शिंदे साहब ने शिवसेना के शाखाप्रमुख से लेकर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद का सफर तय किया है। ‘इसी के साथ देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'शिंदे साहब इतना काम करते हैं कि वे सोते कब हैं, पता नहीं चलता है। लोग 24/7 काम करते हैं। वे 72 घंटे बाद सोने जाते हैं। तीन-तीन दिन लगातार काम करते हुए मैंने उनको देखा है। वे अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे की तरह आम आदमी के लिए काम करने वाले नेता हैं। शिंदे के पर कतरने की कोशिशें कई बार हुईं। लेकिन अपने उत्तम काम की वजह से वे कभी पर्दे के पीछे नहीं गए। आगे भी मैं और एकनाथ शिंदे जनता के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहने का वादा करता हूं।' इसी के साथ देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'एकनाथ शिंदे पब्लिक के आदमी हैं, लोगों ने अगर उन्हें घेर लिया तो वे उनकी समस्याएं सुलझाए बिना वहां से निकलते नहीं हैं। विरोध में बोलने वालों की आवाज महा विकास आघाड़ी सरकार में दबाई गई। वे कम बोलते हैं, उनका काम बोलता है। समृद्धि महामार्ग तैयार करने में उनका अमूल्य योगदान है।'

इसके अलावा फडणवीस ने यह भी कहा, 'शिंदे रोज 500 लोगों से मिलते हैं। उनकी समस्याएं सुलझाते हैं। मैंने कहा था कि महा विकास आघाड़ी सरकार नेचुरल अलायंस की सरकार नहीं है। यह ज्यादा समय तक नहीं टिकी थी। मैंने एक कविता कही थी कि मैं फिर आऊंगा। लोगों ने मेरी हंसी उड़ाई थी। लीजिए मैं आ गया। शिंदे साहेब को साथ लेकर आ गया। हमें अपने नेतृत्व पीएम मोदी पर पूरा विश्वास है। अगर मुझे घर बैठने को कहा जाता, तो भी मुझे स्वीकार होता।’ इसके अलावा फडणवीस ने यह भी कहा कि 'जब-जब सत्ता निरंकुश होती है, तब-तब चाणक्य को चंद्रगुप्त तलाश करना पड़ता है। पीछे एक सदस्य ईडी-ईडी चिल्ला रहे थे। सही कह रहे थे। ईडी मतलब ई से एकनाथ और डी से देवेंद्र है। हमारे लोगों पर भी महा विकास आघाड़ी सरकार ने 30-30 केस किए। हनुमान चालीसा पढ़ने पर घर तोड़े गए। राजनीतिक पोस्ट डालने पर लोगों को 15-15 दिन तक जेल में रखा गया।'

इसी के साथ देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 'राज ठाकरे ने मुझे एक सुंदर पत्र भेजा (राज ठाकरे ने डिप्टी सीएम पद स्वीकार करने पर तारीफ में कहा था कि धनुष से बाण चलाने से पहले डोर पीछे खींचनी पड़ती है, उसे पीछे हटना नहीं कहा जाता)। मैंने सोचा मैं भी उन्हें पत्र लिख कर जवाब दूं। लेकिन उनके जैसे शब्द मुझे नहीं सूझे। मैं खुद उनसे मिलकर उनका धन्यवाद दूंगा। हम लोग राजनीति में एक दूसरे के दुश्मन नहीं है। विपक्ष में होने का मतलब दुश्मन होना नहीं होता है।'

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