लखनऊ: केंद्रीय विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में जल्द ही एक नया पाठ्यक्रम आरम्भ होने वाला है. इसको भारतीय सेना में मौलवी पद पर निकलने वाली नियुक्ति को ध्यान में रखते हुए शुरू किया जा रहा है. विश्वविद्यालय में जुलाई से एक वर्षीय 'पीजी डिप्लोमा इन मुस्लिम चपलाइंसी कोर्स' आरम्भ होगा.
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए यह कोर्स शुरू होने के ऐलान का देवबंदी उलेमाओं ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार सबके लिए काम करना चाहती है और सब काबिल लोगों के लिए आगे बढ़ने का अवसर दे रही है. पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, मदरसा दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा है कि ये एक अच्छी शुरआत है. इससे यह फायदा होगा कि जब आपको अपने मजहब का सही ज्ञान होगा तो आप अपने पद का सही इस्तमाल कर सकेंगे.
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मौलवी पद के पाठ्यक्रम शुरू होने पर उन्होंने कहा कि यह काबिले तारीफ है. जब वहां सही रहबरी होने के बाद और मंझने के बाद मौलवी सेना में जाएंगे तो हमारे फौजी भाइयों के लिए वे सही काम कर पाएंगे, वे उस पद के साथ इंसाफ कर पाएंगे. इससे बहुत ही अच्छा पैगाम जाएगा कि हिंदुस्तान की मोदी सरकार देश के हर तबके के लोगों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
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