बेहद रंगीन है 'रंगीले राजस्थान' का वन्य जीवन, शेर की दहाड़ से लेकर कोयल की कूक तक.., सब कुछ है यहाँ
बेहद रंगीन है 'रंगीले राजस्थान' का वन्य जीवन, शेर की दहाड़ से लेकर कोयल की कूक तक.., सब कुछ है यहाँ
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जयपुर: राजस्थान की पहचान गर्म और सूखे स्थान के तौर पर होती है, जो मशहूर थार रेगिस्तान का भी घर है। इसके बाद भी भारत का सबसे बड़ा राज्य वन्य जीवन में बेहद समृद्ध है और यहां विभिन्न किस्म की वनस्पतियां, पशु और पक्षी की प्रजातियां पाई जाती हैं। वास्तव में, बाघ और पक्षी देखने के लिए भारत के शीर्ष स्थानों में से राजस्थान सबसे आगे है। राजस्थान की संस्कृति और यहाँ का सुखद वन्य जीवन देखने के लिए न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में सालभर सैलानी आते रहते हैं। स्वदेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, Koo ऐप पर भी रंगीले राजस्थान के रंगीले वन्य जीवों पर चर्चा चल रही है, जिसे देखने के बाद निश्चित तौर पर आपका भी मन राजस्थान की सैर करने का हो जाएगा।

राजस्थान टूरिज़्म ने Koo ऐप के अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से कहा है कि 'राजस्थान के गजनेर वन्यजीव अभयारण्य में प्रकृति की सुंदरता और चमकदार पर्पल सनबर्ड को देखें, जिसके पंख सूरज की रोशनी में एक धात्विक बैंगनी छाया प्राप्त करते हैं। सनबर्ड एक आम शहर का पक्षी है, जिसे आपके बगीचे में चहकते हुए या आपके पड़ोस में उड़ते हुए देखा जा सकता है।'

 

इसके साथ ही जैसलमेर स्थित खुरी के नाइट स्काई एस्ट्रो टूरिज्म के बारे में जानकारी देते हुए राजस्थान टूरिज्म ने Koo किया है कि, 
'तारों से भरा आसमान..!! यह सिर्फ एक नज़ारा नहीं, बल्कि एक सपना है जो सच है..!! जैसा कि राजस्थान 'नाइट स्काई एस्ट्रो टूरिज्म' शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है, जैसलमेर में खुरी निश्चित रूप से इसे अगले स्तर पर ले जा रहा है। अगर आप तारों से भरे आसमान के नीचे एक स्वप्निल रात बिताना चाहते हैं, तो जल्द ही राजस्थान की अपनी यात्रा की योजना बनाएँ।'

वहीं, IRCTC ने राजस्थान के सुखद वन्य जीवन के संबंध में Koo करते हुए लिखा है कि '#बाघ की दहाड़ सुनें, #प्रकृति की #सुंदरता देखें, और #राजस्थान में #रणथंभौर जंगल की पगडंडियों के साथ #साहसिक कार्य करते हुए उससे जुड़ें। इस #यात्रा के बारे में अधिक जानने के लिए आज ही www.the-maharajas.com पर जाएँ!' 

 

राजस्थान टूरिज्म ने यहाँ के सुखद वन्य जीवन को जादू करार देते हुए को किया है, लिखा है कि 'बाघ की दहाड़, हिरण की ललकार और चिड़ियों की पुकार। #रणथंभौर टाइगर रिजर्व वह जगह है, जहाँ जादू होता है। यह देखने के लिए शानदार, राजसी और विस्मयकारी जगह है।' 

 

बता दें कि राजस्थान में अर्ध हरित वन, पहाड़ी इलाके, सूखी घास के मैदान, सूखे पर्णपाती कांटेदार जंगल और यहाँ तक कि जैव विविधता वाले वन्यजीवों के पनपने के लिए अनुकूल आर्द्रभूमि भी मौजूद है। राजस्थान में पौधों और पेड़ों की तक़रीबन 480 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह कई राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और पक्षी अभयारण्यों का भी घर है, जो इसे देश में शीर्ष वन्यजीव स्थलों में से एक बनाते हैं।

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