विलैन नहीं है देसी घी
विलैन नहीं है देसी घी
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फिटनेस के इस दौर में अब देशी घी किचन से गायब होता जा रहा है. घी तो बस अब गाँव की याद भर रह गया है. घी की सारी बुराइयां हमें और आपको पता हैं इसके बावजूद अगर कोई यह कहता है कि आपको देसी घी खाना चाहिए तो इसके पीछे कोई ठोस वजह जरूर होगी। पतला होने की जुगत में घी से सौ फीसदी दूरी बनाकर चलने वाली जनता को फैट का विज्ञान समझने की जरूरत है। देसी घी सेचुरेटेड फैट होता है।

इसी फैट को सबसे ज्यादा बुरा माना जाता है, लेकिन यह बुरा तभी होता है जब बहुत ज्यादा मात्रा में लिया जाए। जिन लोगों को दिल की बीमारी है उन्हें देसी घी खाने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। देशी घी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है. आइये जानते हैं की देसी घी खाने से बॉडी को क्या फायदे मिलते हैं.

देसी घी हाजमे को ठीक करने में मदद करता है। यह बात बहुत ही साफ है कि जितना बेहतर आपका हाजमा होगा उतनी ही बेहतर आपकी सेहत होगी। देसी घी में ढेर सारे एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। जो लोग रेगुलर देसी घी खाते हैं उनकी रोगों से लड़ने की ताकत अच्छी होती है।

देसी घी से उम्दा फैट कोई और हो नहीं सकता। रात को सोते वक्त एक गिलास मीठे दूध में देसी घी डालकर पीने से ताकत बढ़ती है और स्पर्म काउंट भी बढ़ता है।

पुराने जमाने में लोग देसी घी से ही सिर की मालिश किया करते थे इससे बाल पकते नहीं हैं और खोपड़ी की खुश्की भी दूर होती है। देसी घी में विटामिन ए, के, डी और ई अच्छी मात्रा में होते है।

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