'नोटबंदी सही फैसला, प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं..', सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को क्लीन चिट
'नोटबंदी सही फैसला, प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं..', सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को क्लीन चिट
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी पर फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने नोटबंदी करने के मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि, मोदी सरकार का नोटबंदी करने का फैसला बिलकुल सही था और इसे लागू करने में पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया था। इसके साथ ही अदालत ने नोटबंदी को गलत बताकर चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं ख़ारिज कर दी हैं। 

बता दें कि, जस्टिस अब्दुल नजीर के नेतृत्व वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस नजीर अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले नोटबंदी पर फैसला सुनाया है।  इस बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन, और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल हैं। पिछली बार अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए केंद्र और RBI से नोटबंदी से संबंधित तमाम दस्तावेज और रिकॉर्ड अदालत में पेश करने के लिए कहा था, जिसे सीलबंद लिफाफे में जमा कर दिया गया था।

कोर्ट में केंद्र सरकार का तर्क था कि, जाली नोटों, बेहिसाब धन और आतंकवाद जैसी गतिविधियों से लड़ने के लिए नोटबंदी एक महत्वपूर्ण कदम था। केंद्र का कहना था कि, नोटबंदी को अन्य तमाम संबंधित आर्थिक नीतिगत उपायों से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए या इसकी जांच नहीं की जानी चाहिए। नोटबंदी से लोगों को हुई तकलीफ पर केंद्र का जवाब है कि, अर्थव्यवस्था को पहुंचे काफी बड़े लाभ और लोगों को एक बार हुई तकलीफ की तुलना नहीं की जा सकती। केंद्र ने कहा था कि, नोटबंदी ने नकली करंसी को सिस्टम से बहुत हद तक बाहर कर दिया और इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचा है।

वहीं, याचिकाकर्ताओं का केंद्र सरकार पर आरोप था कि, सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में कई खामियां थीं और इसे निरस्त कर दिया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया ने इस देश के कानून के शासन का मजाक बना दिया। सिर्फ RBI के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर ही सरकार नोटबंदी कर सकती है, मगर यहां प्रक्रिया को ही उलट दिया गया। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि, याचिकाकर्ताओं के आरोपों का खंडन किया है। RBI का कहना है कि, केंद्र से सिफारिश करने के लिए RBI अधिनियम के तहत प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया था। साथ ही RBI की केंद्रीय बोर्ड की बैठक में निर्धारित कोरम पूरा किया गया था, जिसने सिफारिश करने का फैसला लिया था। RBI ने यह भी कहा है कि, लोगों को कई अवसर दिए गए, पैसों को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई थी। तमाम तर्कों और दलीलों को सुनने के बाद आज अदालत ने नोटबंदी के 6 साल बाद यह फैसला सुनाया है कि मोदी सरकार का फैसला बिलकुल सही था और इसे लागू करने में कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। 

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