नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने मंगलवार को एक संसदीय रिपोर्ट को रोक दिया जिसमे नोटेबंदी के बारे में बताया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि 8 नवंबर 2016 को देश में 1000 और 500 रूपए के नोटों को बंद करने के बाद से देश की जीडीपी में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
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इस संसदीय पैनल ने इस रिपोर्ट को जारी करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है और पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि इस रिपोर्ट को संसद में फिर से पेश नहीं किया जाए. 31 सदस्यों के पैनल में बीजेपी 17 सदस्यों के साथ बहुमत में हैं. सरकार अब एक अलग रिपोर्ट पेश करने वाली है, जो नोटबंदी की सकारात्मक तस्वीर पेश करेगी, साथ ही रिपोर्ट में नोटबंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर दर्शाया जाएगा.
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रिपोर्ट में यह बताया गया कि कैसे नोटबंदी ने भारतीय सकल घरेलू उत्पाद पर असर डाला, जबकि सरकार ने यह चित्रण करने की कोशिश की थी कि यह नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक असाधारण आर्थिक सुधार था. सरकार द्वारा बताया जा रहा है कि नोटबंदी से काले धन का खतरा कम किया, नकदी लेनदेन को कम किया और डिजिटल करंसी को बढ़ावा दिया. आपको बता दें कि 31 अगस्त को, इस संसदीय समिति की अवधि समाप्त हो जाएगी जिसका अर्थ है कि इस रिपोर्ट को कभी सार्वजानिक नहीं किया जाएगा. बीजेपी के सदस्य इस रिपोर्ट को रोकने और नोटबंदी के मुद्दे को ही ख़त्म करने में कामयाब हो गए हैं.
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