छोटे व्यापार पर कैसे हावी हुई नोटबंदी ?
छोटे व्यापार पर कैसे हावी हुई नोटबंदी ?
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार के 2016 में लिए गए नोटबंदी के फैसले ने आम जन को काफी नुकसान पहुंचाया था. 8 नवंबर 2016 को सरकार ने देश की जनता के हित में नोटबंदी का फैसला लिया था. लेकिन यह फैसला बाद में आम जन और छोटे व्यापारियों के लिए एक बहुत बड़ा सिरदर्द साबित हुआ था. नोटबंदी ने पूरी तरह से छोटे व्यापारियों और छोटे व्यापर को अपनी जकड़ में कर रखा था. आइए जानते है आज कुछ ऐसे नुकसान के बारे में जिससे छोटे व्यापारियों या छोटे व्यापर और आमजन को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. 

- नोटबंदी से छोटे उद्योगों और आम जनता को मिला-जुला नुकसान झेलना पड़ा हैं. अस्पताल, बाजार, पेट्रोल पंप हर क्षेत्र में नोटबंदी की मार देखने को मिली हैं. 

- नोटबंदी से छोटे व्यापार और व्यापारियों को अधिक नुकसान झेला पड़ा है, क्योंकि अधिकतर यहां पर लेनदेन कैश में है होता हैं. नोटबंदी के बाद से यहां नकद की भारी किल्लत देखने को मिली हैं. इससे कई लोगों को नौकरियों से भी हाथ धोना पड़ा हैं. 

- केन्द्र सरकार एक ओर जहां बिग बाजार जैसी बड़ी कंपनियों को नोट बदलने की इजाजत देती है दूसरी ओर छोटे व्यापारियों को परेशान करती है. इससे यह साफ प्रतीत होता है कि केन्द्र सरकार बड़े कारोबारियों के लिए है फायदेमंद साबित हुई न कि छोटे व्यापारियों या व्यापार के लिए. 

- हमारे देश की समृद्धि में छोटे व्यापारियों ने काफी अहम रोल अदा किया है. और वे अब भी इस भूमिका को निभा रहे हैं. लेकिन सरकार ने उनके साथ अन्याय कर नोटबानी कर उन्हें एक बहुत बड़ा झटका दिया था. 

- छोटे व्यापारियों को नुकसान झेलने पर बेरोजगार में भी वृद्धि देखने को मिली हैं. 

- छोटे व्यापर या व्यापारियों को हुए नुकसान का एक बड़ा नुकसान यह भी हुआ था कि इससे राज्य स्तरीय कारोबार में करीब 40 फीसदी गिरावट देखने को मिली थी.  

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