सत्येंद्र जैन ने जमकर उड़ाई जेल के नियमों की धज्जियाँ, अफसरों से थी मिलीभगत- रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासे
सत्येंद्र जैन ने जमकर उड़ाई जेल के नियमों की धज्जियाँ, अफसरों से थी मिलीभगत- रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासे
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नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में जेल मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा तिहाड़ जेल में नियमों का उल्लंघन किए जाने और अपने रसूख के बल पर VVIP ट्रिटमेंट लेने के आरोपों को लेकर गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में जैन को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे किए गए हैं। दिल्ली के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम), प्रिंसिपल सेक्रेटरी (कानून विभाग) और विजिलेंस डिपार्टमेंट के सचिव की कमेटी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन मामले में तिहाड़ जेल पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है।

रिपोर्ट के पैराग्राफ नंबर 26 के अनुसार, दिल्ली के 'जेल मंत्री' सत्येंद्र जैन ने जेल के मानदंडों और नियमों का उल्लंघन किया और अपने आधिकारिक पद और अधिकार का गलत इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें जेल में विशेष उपचार/सुविधाओं का लुत्फ़ उठाने में मदद मिली। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जेल में AAP नेता की सेवा में कम से कम 5 कैदी, जिनमें पॉक्सो के दो आरोपी रिंकू, अफसर अली और मनीष इनके अलावा सोनू सिंह, दिलिप पर तिहाड़ जेल प्रशासन जिसमें पूर्व सुप्रीटेंडेंट, जेल वार्डन और जेल मुंशी भी शामिल थे। इन सभी पर सत्येंद्र जैन को जेल में स्पेशल सर्विस देने के लिए दवाब डाला गया था।

समिति की रिपोर्ट के पैराग्राफ नंबर 25 के अनुसार, तिहाड़ जेल के तत्कालीन DG संदीप गोयल की सत्येंद्र जैन के साथ सांठगांठ पाई गई, सत्येंद्र जैन को VVIP ट्रीटमेंट देने के लिए गोयल के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कैदियों ने स्वेच्छा से या अपनी मर्जी से AAP नेता को कोई सेवा नहीं दी। बल्कि निलंबित जेल अधीक्षक अजीत कुमार और जेल प्रशासन की तरफ से कैदियों को डराया-धमकाया गया और कह गया कि यदि बात नहीं मानेंगे, तो उन्हें कड़ी सजा और यातना दी जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, सत्येंद्र जैन ने जेल नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ED के मामले के सह आरोपी वैभव जैन, अंकुश जैन, संजय गुप्ता और रमन भूरारिया के साथ अपने कमरे में कई बार दरबार लगाया। कमेटी की रिपोर्ट का पैराग्राफ पैरा 22 और 23 में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन और परिवार के अन्य सदस्यों ने नियमों के घोर उल्लंघन और तत्कालीन DG संदीप गोयल और निलंबित जेल अधीक्षक अजीत कुमार सहित जेल अधिकारियों की सांठगांठ से जेल में लगातार बैठकें कीं।

यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि DG संदीप गोयल ने जेल मंत्री सत्येंद्र जैन से उनके सेल में 6 अक्टूबर 2022 को शाम 6।39 बजे से 7।29 बजे तक करीब 50 मिनट तक मुलाकात की। यह बताता है कि संदीप गोयल, सत्येंद्र जैन के बहुत करीबी थे और शीर्ष अधिकारियों, यानी तत्कालीन DG (जेल) संदीप गोयल से उनकी मिलीभगत थी। इसके साथ ही 12 सितंबर को तत्कालीन जेल सुपरिटेंडेंट ने लगभग 15 मिनट तक सत्येंद्र जैन से उनके सेल में मुलाकात की।

रिपोर्ट के अनुसार, सत्येंद्र जैन द्वारा अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए फल, भोजन और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए अन्य कैदियों के जेल खाता कार्ड का बेनामी उपयोग किया गया था। ये जेल खाता कार्ड, जेल वार्डन और अन्य आर्थिक तौर पर संपन्न कैदियों द्वारा रिचार्ज किए गए थे। यही नहीं सितंबर और अक्टूबर के माह के मुलाकात रिकॉर्ड से पता चलता है कि सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन और परिवार के अन्य सदस्यों ने जेल के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए उनसे मुलाकातें की।

3-4 जेल खाता कार्ड का इस्तेमाल सत्येंद्र जैन के लिए जेल कैंटीन से सामान खरीदने के लिए उनके करीबी सहयोगी संजय गुप्ता द्वारा किया गया था। यह सबकुछ कार्ड की एक महीने की 7000 रुपए महीने की लिमिट को रोकने हेतु किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, AAP नेता सत्येंद्र जैन अपने परिवार के सदस्यों के साथ जेल नंबर 7 की देवोधी में निरंतर बैठकें करते थे, जो कि प्रतिबंधित जगह है और दिल्ली जेल नियमों, 2018 का गंभीर उल्लंघन है, क्योंकि जगह मुलाकात के लिए नहीं बल्कि कैदियों के आने जाने के लिए होती है। यह सब जेल प्रशासन और खास तौर पर जेल अधीक्षक और DG (जेल) से सांठगाठ किए बगैर नहीं हो सकता।

कमेटी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सत्येंद्र जैन को मसाज देने वाले कैदी रिंकू ने कमेटी को जानकारी दी है कि उसने मसाज देने या फिजियोथैरेपिस्ट का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि वो तो शादियों में घोड़ी उपलब्ध करवाने का धंधा करता था। वहीं, दूसरे कैदी आसिफ अली ने अपने बयान में बताया कि उसने संजय गुप्ता और सत्येंद्र जैन से आर्थिक और जेल से बाहर आने की मदद की आस में उनकी सेवा की और अपना कार्ड उन्हें इस्तेमाल करने के लिए दिया।

वहीं, मनीष नामक कैदी ने कमिटी को बताया कि विकास नामक एक शख्स ने उसके कार्ड में 6900 रुपए डलवाए, जिससे वो जैन की पसंद का खाने का सामान खरीदा कर लाता था। सोनू सिंह और दिलीप कुमार नामक कैदियों ने बताया कि उसने कभी झाड़ू पोंछा का काम नहीं किया, मगर, जेल के मुंशी के कहने पर जैन के सेल की साफ सफाई का काम किया उसे काफी बुरा भी लगता था।

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