डीयू की किताब में भगत सिंह को बताया आतंकवादी
डीयू की किताब में भगत सिंह को बताया आतंकवादी
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नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के हिंदी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय की ओर से प्रकाशित पुस्तक ‘भारत का स्वतंत्रता संघर्ष’ के एक चेप्टर में शहीद भगतसिंह और उनके साथियों को जगह-जगह आतंकवादी कहकर संबोधित किया गया है.इससे मामला गर्मा गया है. इस मुद्दे पर भगतसिंह के परिजनों ने भी कडा ऐतराज जताया है. उन्हें आतंकवादी बताए जाने से वे आहत हैं. इस आपत्त्तिजनक शब्द को हटाने की मांग की है. इस किताब में लम्बे समय से संशोधन की मांग कर रहे भगतसिंह के छोटे भाई सरदार कुलबीर सिंह के पोते यादवेंद्रसिंह ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है. 

इस विषय पर प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है. जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने इस मामले को राज्य सभा में उठाने की बात कही है. उधर इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने कहा कि अंग्रेजों ने अपने नजरिये से शहीद भगतसिंह को आतंकवादी माना है.जिसे हम भी ढोते चले आ रहे हैं.यह बदलाव बहुत पहले ही कर दिया जाना चाहिए था.

गौरतलब है कि इस पुस्तक को मशहूर इतिहासकार बिपिन चन्द्र, मृदुला मुखर्जी ,आदित्य मुखर्जी और सुचेता महाजन ने मिलकर लिखा है.इस पुस्तक का पहला संस्करण 1990 में छपा था.अब तक इसकी हजारों प्रतियां छप चुकी हैं. इस किताब के 20 वें अध्याय ‘ भगतसिंह ,सूर्यसेन और क्रांतिकारी आतंकवादी’ पेज 228 से शुरू होकर 240 पर खत्म होता है.

बकौल यादवेन्द्र सिंह वे कई वषों से संशोधन की मांग कर रहे हैं. भगत सिंह ब्रिगेड बनाकर पुस्तक में संशोधन के लिए सरकार से सम्पार्क किया लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक कोशिश नही हुई. हर साल उनके जन्म दिवस और शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि देकर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है. लेकिन गलत तथ्यों को सुधारने के लिए न तो डीयू ने रूचि दिखाई और ना सरकार ने.

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