दिल्ली ने कहा इस साल 'NO' पटाखे
दिल्ली ने कहा इस साल 'NO' पटाखे
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नई दिल्ली : दीवाली दीपों और पटाखों का त्योहार है। पर हम सब जानते है कि पटाखे वायु प्रदूषण को बढ़ावा देते है पर हम सोचते है एक दिन जलाने से क्या होगा और यही सवाल वातावरण को कूड़े का ढेर बना देता है। दिल्ली पहले ही जहन्नुम बनी हुई है और इसका कारण दिल्ली में प्रदूषित हवा है। दिल्ली की हवा में जहर इस कदर घुला है कि लोगो को मास्क लगाकर घूमना पड़ रहा है। इस बात पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने भी चिंता जताई थी।

एक अखबार ने इस साल बिना पटाखों के दीवाली मनाने का अभियान चलाया और खास बात यह है कि इसे अपार जनसमर्थन भी मिल रहा है। इसी कारण बच्चो से लेकर गृहिणियाँ तक ने पटाखे का इस्तेमाल न करने कि शपथ लि है। पर्यावरण विशेषज्ञ का कहना है कि 125 डेसिबल से ऊपर की शोर वाले पटाखे बैन है फिर भी दुकान वाले बेच रहे है।

एजेंसियों का कहना है कि दीवाली के बाद वायु प्रदूषण 6 से 10 गुना तक और ध्वनि प्रदूषण 15 डेसिबल तक बढ़ जाता है। पटाखे जलने के बाद निकलने वाले धुँए से कैंसर का खतरा और किडनी डैमेज होती है। इसी कारण दिल वालों की दिल्ली ने स्वंय का हित देखते हुए इस साल पटाखा फ्री दीवाली मनाने का निर्णय लिया है। 

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