भारत का सबसे चर्चित निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषी मुकेश सिंह, अक्षय, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता इससे बचने के लिए हर तरह के दांवपेंच अपना रहे हैं. इसी कड़ी में एक दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की है.
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मंगलवार को दोषी अक्षय सिंह ठाकुर की ओर से ही सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दाखिल की गई है, यह जानकारी तिहाड़ जेल प्रशासन ने जानकारी दी है. बता दें कि चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट डेथ वारंट जारी कर चुका है. इसके मुताबिक, आगामी एक फरवरी को सुबह 6 बजे चारों को फांसी दी जाएगी. इस बाबत तिहाड़ जेल प्रशासन पूरी तैयारी कर चुका है. फांसी की तैयारी की अंतिम कड़ी में 27 जनवरी को तिहाड़ जेल संख्या तीन में फांसी देने का ट्रायल भी किया गया था.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुकेश का आरोप है कि तिहाड़ में उसका यौन शोषण हुआ और उसे निर्भया केस के अन्य आरोपी अक्षय के साथ सबके सामने शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा गया. उसे पहले दिन से ही जेल में मारा गया है और पांच साल से वह डर से सो नहीं पाया है. जब भी वह सोता है तो उसे मौत के और पिटाई के सपने आते हैं. केस की जिरह शुरू करते ही मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने कहा कि अदालत न्यायिक विवेक का इस्तेमाल करते हुए देखे क्या इस केस में उचित रूप से फैसला लिया गया है. मुकेश की वकील ने अदालत के सामने केहर सिंह बनाम भारत सरकार (1989) 1 एससीसी 204 का उदाहरण देते हुए कहा, यहां तक कि राष्ट्रपति की शक्ति भी मानवीय भूल के लिए खुली है.
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